ग्वालियर, 10 मार्च। पुलिस की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी एवं सुव्यवस्थित बनाने के लिए ग्वालियर जिले में माइक्रो बीट सिस्टम लागू किया गया है। इस अवसर पर आईजी, डीआईजी एवं एसपी ग्वालियर ने माइक्रो बीट प्रभारी आरक्षकों को हरी झण्डी दिखाकर उनके कार्य क्षेत्र के लिए रवाना किया। ग्वालियर जिले के समस्त थानों में कुल 1073 माइक्रो बीट बनाई गई है।
पुलिस महानिदेशक भोपाल के निर्देशानुसार पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह के मार्गदर्शन में ग्वालियर जिले के सभी थानों में माइक्रो बीट प्रणाली को लागू किया गया है। बीट प्रणाली के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु पुलिस कंट्रोल रूम सभागार में पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर जोन अरविन्द कुमार सक्सेना ने पुलिस उपमहानिरीक्षक ग्वालियर रेंज अमित सांघी एवं पुलिस अधीक्षक ग्वालियर धर्मवीर सिंह की उपस्थिति में जिले के समस्त राजपत्रित अधिकारी, थाना प्रभारी एवं बीट प्रभारी की बैठक लेकर उपस्थित पुलिस अधिकारियों को बीट प्रणाली को प्रभावी रूप से संचालित किए जाने के संबंध में आवश्यक दिशानिर्देश दिए। बैठक में एएसपीगण सुमन गुर्जर, गजेन्द्र वर्धमान एवं निरंजन शर्मा तथा समस्त सीएसपी/ एसडीओपी, जिले के थाना प्रभारी एवं बीट प्रभारीगण उपस्थित रहे।
बैठक में पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर जोन ने कहा कि इस नई व्यवस्था से पुलिस की निगरानी क्षमता बढेगी, अपराधों पर अधिक प्रभावी नियंत्रण होगा और आम जनता से संवाद भी और अधिक सुदृढ होगा। उन्होंने कहा कि नवीन बीट प्रणाली के संबंध में पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा जारी किए गए परिपत्रों में दी गई जानकारी से प्रत्येक अधिकारी व कर्मचारी को अवगत कराया जाना चाहिए। उन्होंने बीट प्रभारियों को बीट पुस्तिका वितरित की। उन्होंने बताया कि बीट प्रभारी अपने साथ ऑब्जर्वेशन एवं इंफॉर्मेशन नोटबुक रखेंगे और बीट भ्रमण के दौरान बीट में आने वाले सभी महत्वपूर्ण स्थानों व संदिग्धों की जानकारियां उसमें दर्ज करेंगे। तदुपरांत पुलिस महानिरीक्षक ने पुलिस उप महानिरीक्षक ग्वालियर रेंज तथा पुलिस अधीक्षक एवं अन्य पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में माइक्रो बीट प्रभारियों को हरी झण्डी दिखाकर उनके कार्य क्षेत्र के लिए रवाना किया।
बैठक में पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि आरक्षक को माइक्रो बीट प्रभारी बनाया गया है और उसे अपने क्षेत्र की संपूर्ण जानकारी होना चाहिए, क्योंकि माइक्रो बीट सिस्टम जितना मजबूत रहेगा उतना ही अपराधों पर अंकुश लगेगा। उन्होंने बताया कि ग्वालियर जिले के समस्त थानों में कुल 1073 माइक्रो बीट बनाई गई हैं। जिसमें माइक्रो बीट क्षेत्र के प्रभारी आरक्षक को एक क्षेत्र विशेष की जबावदारी सौंपी जाकर उस क्षेत्र विशेष से संबंधित गुण्डा, निगरानी बदमाश, सजायाब आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों के साथ-साथ शैक्षणिक संस्थानों, बैंक, एटीएम, होटल, लॉज, ढाबा, पेट्रोल पम्प, सीसीटीव्ही कैमरों, अस्पताल, नगर एवं ग्राम रक्षा समिति, धार्मिक स्थलों, धार्मिक उत्सवों, महत्वपूर्ण संस्थानों, वरिष्ठ नागरिकों, मैरिज हॉल, सांप्रदायिक या अन्य दृष्टि से संवेदनशील स्थानों, लोक शांति प्रभावित करने वाले मुद्दों, राजनैतिक व्यक्तियों, प्रतिष्ठित एवं संभ्रांत व्यक्तियों, सेवानिवृत्त एवं सेवारत शासकीय कर्मचारियों आदि की संपूर्ण जानकारियां बीट प्रभारी एवं माइक्रो बीट प्रभारी द्वारा संधारित की जाएगी।
बीट प्रणाली का मुख्य उद्देश्य
जिले में पुलिस कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी एव ंसुव्यवस्थित बनाने के लिए माइक्रो बीट सिस्टम लागू किया गया है। जिसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में पुलिस की सक्रियता बढाना एवं आसूचना तंत्र को सुदृढ करना है। इसके साथ ही थाने पर पदस्थ आरक्षक स्तर तक प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारी की जिम्मेदारी तय की जा सकेगी। आरक्षक संबंधित माइक्रो बीट के प्रभारी रहेंगे। माइक्रो बीट प्रभारी अपने साथ ऑब्जर्वेशन एवं इंफॉर्मेशन नोट बुक रखेंगे और बीट भ्रमण के दौरान बीट में आने वाले होटल, लॉज, ढाबा, स्कूल, कॉलेज, प्राइवेट ऑफिस, क्लीनिक, हॉस्पिटल जैसे सभी महत्वपूर्ण स्थानों एवं किरायेदारों तथा गुण्डा, बदमाश एवं हिस्ट्रीशीटर की जानकारियां उसमें दर्ज करेंगे।