बाल विवाह में सेवा प्रदाता व कानून विषय पर प्रशिक्षण सह कार्यशाला आयोजित

ग्वालियर, 07 मार्च। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत बाल विवाह में सेवा प्रदाता व कानून विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के सभागार में आयोजित कार्यशाला में सहायक संचालक राहुल पाठक, बाल कल्याण समिति के सदस्य संतोष शर्मा, मनीष शर्मा, अंजू भदौरिया, रश्मि त्रिपाठी, सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट संस्था के अध्यक्ष उमेश वशिष्ठ, प्रोजेक्ट कोऑर्डनेटर राजेन्द्र सोनी, आंगनबाडी पर्यवेक्षक समैत सेवा प्रदाता के रूप में आए हुए हलवाई, केटरिंग सर्विस संचालक, बैंड सेवा संचालक, मेरिज गार्डन संचालक, पंडित आदि ने भाग लिया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में विभाग के सहायक संचालक राहुल पाठक ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया व इस कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। इसके उपरांत सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट संस्था के प्रोजेक्ट कोऑर्डनेटर राजेन्द्र सोनी ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों पर प्रकाश डाला साथ की सेवा प्रदाता की बाल विवाह रोकने मे उनकी भूमिका पर विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लडकी जिसकी उम्र 18 वर्ष से कम व लडका जिसकी उम्र 21 वर्ष से कम है और उनका विवाह होता है तो वह बाल विवाह की श्रेणी मे आता है और इस अधिनियम के अंतर्गत 2 वर्ष तक का कठोर कारावास व एक लाख का जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।