जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की गाथाओं का किया वाचन

-भिण्ड जिले के शोधार्थी आशु अहिरवार ने सागर में प्रस्तुत किया शोधपत्र

भिण्ड, 01 मार्च। सागर जिले के शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय में मध्य प्रदेश इतिहास परिषद की दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के 41 में अधिवेशन में डॉ. हरीसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग के शोधार्थी आशु अहिरवार द्वारा आजाद हिंद फौज में भिण्ड जिले के विस्मृत स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान पर शोध पत्र प्रस्तुत किया गया।
उन्होंने बताया कि कैप्टन मोहन सिंह एवं रासबिहारी बोस के पश्चात नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिन्द फौज में आंतरिक एवं बाह्य स्वरूप को लेकर अनेक परिवर्तन किये थे। जिसमें भिण्ड जिले के स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर राष्ट्र को स्वाधीनता दिलाने के लिए ब्रिटिश सरकार के खिलाफ अनेक गतिविधियों को अंजाम दिया था। भिण्ड जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में जगन्नाथ भदौरिया, अमर सिंह कुशवाहा, उल्फत बाल्मीक आदि ने हमारे राष्ट्र को बचाने के लिए सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। इस राष्ट्रीय परिषद में राजस्थान, छत्तीसगढ, बिहार एवं उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के कुलगुरु, आचार्य एवं विद्वतजन उपस्थित रहे।
यह संगोष्ठी आचार्य बीके श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एवं सचिव आचार्य नवीन गिडियन, शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय तथा स्थानीय सचिव डॉ. पंकज सिंह, सहायक आचार्य डॉ. हरीसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय सागर के नेतृत्व में आयोजित की गई। राष्ट्रीय शहीद मेला संस्था मिशन अमर शहीद अमर जवान के संस्थापक धर्मेन्द्र अज्ञानी, राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरबख्श सिंह, राष्ट्रीय शहीद मेला एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष/ प्रवक्ता अशोक सोनी निडर, भिण्ड जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश कुशवाह, उपाध्यक्ष मदन मोहन पालीवाल, राकेश चौरसिया, सुनील शर्मा, आशु शर्मा, पूर्व सैनिक संघ के जिलाध्यक्ष राकेश कुशवाह, पुष्पराज सिंह, रमेश पाल, अर्जुन सिंह आदि कई साथियों ने आशु अहिरवार के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए हर्ष व्यक्त किया है।