सात मार्च से लगेंगे होलिकाष्टक, नहीं होंगे शुभ कार्य: घनश्याम शास्त्री

ग्वालियर, 27 फरवरी। होली का पर्व 40 दिन पूर्व बसंत पंचमी से शुरू हो जाता है ठाकुरजी (श्रीकृष्ण) कमर में पीतांबरी बांधकर रंगों से होली खेलने के लिए तैयार हो जाते हैं पांच दशक पहले तक होली का हुडदंग होलिका अष्टक लगने यानी डांडा़ गाडने के साथ शुरू हो जाता है इस वर्ष होलिकाष्टक सात मार्च से शुरू होंगे और इसी दिन होली का डांडा गाडने के साथ जो शुभ कार्यों पर प्रतिबंध लग जाएगा ज्योतिष आचार्य के अनुसार होलिकाअष्टक से सभी ग्रह उग्र हो जाते हैं और अनुकूल फल प्रदान नहीं करते हैं।
सुप्रसिद्ध भागवताचार्य/ ज्योतिष आचार्य पं. घनश्याम शास्त्री महाराज ने बताया कि होलिका अष्टक में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे शादी विवाह, मुंडन, नामकरण, गृह प्रवेश आदि कार्य करना वर्जित है होलिकाष्टक में सभी ग्रह उग्र अवस्था में आ जाते हैं और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ जाता है। इसलिए इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता होलिका अष्टक के समय दान ओर व्रत का भी महत्व है इस दौरान वस्त्र, अन्न, धन आदि का दान करना शुभ माना जाता है यह कष्टों से मुक्ति और अनुकूल फल देता है।
होलिका अष्टक के दौरान रहते हैं सभी ग्रह उग्र
होलकर अष्टक के दौरान अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य ,दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल, और पूर्णिमा को राहु उग्र स्वभाव में रहते हैं, इन ग्रहों के उग्र होने से कारण मनुष्य पर मानसिक स्थिति पर नकारात्मक बदलाव आता है, जिससे जनमानस की निर्णय लेने की क्षमता कमजोर हो जाती है इस कारण से कई बार उससे गलत निर्णय भी हो जाते हैं इस कारण से हानि की आशंका बढ जाती है, इसलिए जनमानस में इन आठ दिनों में महत्वपूर्ण कार्यों का निर्णय लेने से बचना चाहिए और यदि जरूरी हो तो बहुत अधिक सतर्क रहकर निर्णय लेने चाहिए।