ऑनर किलिंग मामले में आरोपी को आजीवन सश्रम कारावास

– दो अन्य आरोपियों को एक-एक वर्ष की सजा

सागर, 21 अगस्त। अपर-सत्र/ विशेष न्यायाधीश (विद्युत अधिनियम) जिला-सागर प्रशांत सक्सेना की अदालत ने ऑनर किलिंग मामले में आरोपी भगवती प्रसाद पटैल को धारा 302 भादंवि के तहत आजीवन सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए अर्थदण्ड एवं आरोपी सुबोध उर्फ मयूर एवं शुभम पटैल को धारा 323 भादंवि के तहत एक-एक वर्ष सश्रम कारावास एवं एक-एक हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक सौरभ डिम्हा ने की।
जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि आठ जनवरी 2023 को फरियादी संतोष कुशवाहा ने थाने पर आरोपी भगवती, सुबोध एवं शुभम के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई कि ग्राम बदौना में मोबाइल की दुकान चलाता हूं, भगवती कुशवाह से पुरानी बुराई चल रही है। जिस पर से आज सुबह 10 बजे वह उसके भाई नंदकिशोर कुशवाहा तथा योगेश अपनी मोबाइल की दुकान पर थे, तभी अभियुक्त भगवती प्रसाद अपने दोनों लडकों सुबोध एवं शुभम के साथ दुकान पर आए और गालियां देने लगे, भाई नंदकिशोर ने गाली देने से मना किया तो भगवती प्रसाद ने जान से मारने की नियत से लोहे का एंगल नंदकिशोर के सिर पर मारा, जिससे कटकर खून निकलने लगा और जमीन पर गिर गया। सुबोध ने पत्थर से, शुभम ने लाठी से मारपीट की, वह और उसका भाई योगेश बीच-बचाव करने पहुंचे तो तीनों ने उसके साथ मारपीट की, जिससे मुझे दाहिने हाथ, सिर और हाथ में चोटें आई, मौके पर विनय और प्रमोद ने बीच-बचाव किया, अभियुक्तगण जाते-जाते जान से मारने की धमकी दे गए। नंदकिशोर को घायल अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती किया गया, मौके पर ड्यूटी डॉक्टर ने नंदकिशोर का प्राथमिक उपचार किया और अग्रिम उपचार के लिए रॉय अस्पताल मकरोनिया ले जाया गया। फरियादी की शिकायत पर से थाना मोतीनगर में अभियुक्तगण के विरुद्ध धारा 307, 294, 323, 506, 34 का अपराध पंजीबद्ध किया गया। आहत नंदकशोर को आगामी उपचार हेतु हमीदिया अस्पताल रेफर किया गया, जहां उपचार के दौरान नंदकिशोर की मृत्यु हो गई। हमीदिया अस्पताल में शव पंचनामा की कार्रवाई की गई एवं मृतक का अंत:परीक्षण कराया गया। प्रकरण में धारा 302 भादंवि का इजाफा किया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेखबद्ध किए गए, पोस्ट मार्टम के दौरान डॉक्टर द्वारा घटना से संबंधित महत्वपूर्ण सामग्री सीलबंद कर संबंधित आरक्षक को सुपुर्द की गई। आरोपी को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की गई एवं पूछताछ के आधार पर आरोपीगण से घटना में प्रयुक्त आयुध जब्त किया गया, घटना स्थल से जब्त वस्तुओं को एफएसएल शाखा सागर भेजा गया। थाना मोतीनगर पुलिस ने धारा 302, 307 भादंसं के अंतर्गत आरोपीगण के विरुद्ध विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा मामले में अभियोजन साक्षियों को परीक्षित कराया गया एवं दस्तावेजों को प्रदर्षित एवं विचारण के दौरान जब्तशुदा सामग्री को भी आर्टिकल कराया गया व तर्क प्रस्तुत किए गए। अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत अपर-सत्र/ विशेष न्यायाधीश (विद्युत अधिनियम) प्रशांत सक्सेना के न्यायालय ने आरोपीगण को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।