भिण्ड, 19 फरवरी। भिण्ड-इटावा-ग्वालियर हाईवे पर सडक दुर्घटनाओं की बढती संख्या ने क्षेत्रवासियों की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न चिन्ह खडा कर दिया है। पुलिस रिकार्ड के अनुसार इस मार्ग पर सैकडों सडक हादसे प्रतिवर्ष होते हैं, जो अत्यंत चिंताजनक है। लगभग प्रतिदिन इस हाईवे से दर्दनाक दुर्घटनाओं की खबरें आती हैं, जिनमें कई निर्दोष लोग अपनी जान गंवा रहे हैं और कई गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं। गत दिवस जवाहरपुरा (दीनपुरा) के पास एक दर्दनाक दुर्घटना हुई, जिसमें 5 लोगों की मौत और दर्जनभर से अधिक लोग घायल हुए, वहीं 17 फरवरी को भिण्ड-सुभाष चौराहे के पास ट्रक की टक्कर से एक बाइक सवार व्यक्ति की जान चली गई। ये घटनाएं प्रशासन की लापरवाही और सरकार की उदासीनता को उजागर करती हैं।
इस संदर्भ में वरिष्ठ नेता डॉ. गोविंद सिंह ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि भिण्ड-इटावा-ग्वालियर हाईवे अब ‘मौत का हाईवे’ बन चुका है। स्पीड लिमिट 20 करने के बावजूद भी बडे हादसे थम नहीं रहे, जो यह साबित करता है कि प्रशासन पूरी तरह विफल हो चुका है। उन्होंने कहा कि भिण्ड में अराजकता का माहौल है और आमजन असुरक्षित महसूस कर रहा है। सरकार को सडक सुरक्षा के लिए ठोस कार्ययोजना बनानी चाहिए, न कि केवल दिखावटी उपायों से काम चलाना चाहिए। जनता की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए, और इसके लिए तत्काल कडे कदम उठाने की आवश्यकता है।
डॉ. सिंह ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल ध्यान दें और आवश्यक सुधार कार्य सुनिश्चित करें ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। भिण्ड-इटावा-ग्वालियर हाईवे के चौडीकरण और सुधार की योजनाएं वर्षों से अधर में लटकी हुई हैं। प्रशासन की सुस्ती और सरकारी उपेक्षा के कारण दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ रही है। यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो हालात और बिगड सकते हैं। अंत में, डॉ. गोविंद सिंह ने दिवंगत आत्माओं की शांति और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं और सरकार से अविलंब ठोस कार्रवाई की मांग की है।