आंखों ऑपरेशन के दौरान सात लोगों की आंखों की गई रोशनी

अस्पताल को आयुष्मान योजना से कराया जा रहा ब्लैकलिस्ट
सोसाइटी एवं अस्पताल को होगा कारण बताओ नोटिस जारी
जिला प्रशासन ने मामले को लिया गंभीरता से

भिण्ड 19दिसम्बर:- 09 दिसंबर सोमवार को गोरमी के चपरा रोड स्थित कृपे का पुरा, सरस्वती देवी स्कूल टॉवर के पास आयोजित किया गया नि:शुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन एवं लेंस प्रत्यारोपण शिविर घातक चूक का शिकार हो गया। यह शिविर संयुक्त समाजसेवी संस्थान और निवारण हेल्थ वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आयोजित किया गया था और इसका संचालन डॉ. मुन्ना सिंह नरवरिया द्वारा किया गया।
शिविर में शामिल होने के लिए कृपे का पुरा, चपरा और डोंगरपुरा के आस-पास के इलाकों से एक दर्जन से अधिक लोग पहुंचे। इन सभी ने अपनी आंखों की जांच कराई, जिनमें से कुछ मरीजों को मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए चयनित किया गया। चयनित मरीजों का ऑपरेशन 8 और 9 दिसंबर को ग्वालियर स्थित कालरा अस्पताल में किया गया। ऑपरेशन के बाद मरीजों को आराम करने के लिए आंखों पर पट्टी बांध दी गई थी। जब पट्टी हटाई गई, तो मरीजों की आंखों की रोशनी पूरी तरह से चली गई। यह वह क्षण था, जब मरीजों की उम्मीदें चकनाचूर हो गईं। ऑपरेशन के दौरान उन्हें यह विश्वास था कि अब वे अपने परिवार के सभी सदस्यों को देख सकेंगे, लेकिन जैसे ही पट्टी खुली,आंखों से रोशनी गायब हो गई। जबकि डॉक्टरों का कहना है कि अब इन मरीजों की आंखों की रोशनी वापस आना मुश्किल है। इस दुर्घटना में सात मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई। जिमसें चिरोंजी लाल, राजबीर, चुन्नीबाई, भागीरथ, रामकुमारी, लालसिंह और अतर सिंह इन सभी ने अपनी आंखों की रोशनी खो दी, जिससे उनकी जिंदगी अंधकार मय हो गई है। मामला सामने आने के बाद भिण्ड जिला अस्पताल से एक टीम डीएचओ डॉ. आलोक शर्मा, डॉ. रविकांत जैन और प्रतीक मिश्रा को गांव में जांच के लिए भेजा गया। जो प्रभावित मरीजों की आंखों की जांच करने के लिए मौके पर पहुंची।
शासकीय चिकित्सा शिविरों के अतिरिक्त कोई भी चिकित्सा शिविर सीएमएचओ-बीएमओ की बगैर अनुमति के न लगाया जाए : कलेक्टर
कलेक्टर भिण्ड संजीव श्रीवास्तव ने आदेश जारी कर कहा है कि प्राय: यह देखा गया है कि जिले के बाहर की चिकित्सा संस्थाओं द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी की बगैर अनुमति के स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाते हैं तथा स्वास्थ्य शिविरों में आने वाले रोगियों को अपने चिकित्सा संस्थानों में बुलाया जाकर उपचार किया जाता है। ऐसी स्थिति में आशंका रहती है कि रोगियों को उचित उपचार न मिले और उन्हें गलत उपचार के कारण कष्ट उठाना पड़े। उन्होंने कहा कि भिण्ड जिले में शासकीय चिकित्सा शिविरों के अतिरिक्त कोई भी चिकित्सा शिविर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/ विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी की बगैर अनुमति के न लगाया जाए। शिविर आयोजित किए जाने की स्थिति में किसी रोगी को उपचार हेतु जिले के बाहर बुलाया जाता है तो उसकी सूचना मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/ विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी को आवश्यक रूप से दी जाए। इन निर्देशों का पालन अनिवार्य रुप से सुनिश्चित किया जाए।
सोसाइटी एवं चिकित्सालय को किया जा रहा है कारण बताओ नोटिस जारी, आयुष्मान से ब्लेकलिस्ट करने संबंधी प्रस्ताव प्रेषित
कलेक्टर भिण्ड संजीव श्रीवास्तव ने बताया है कि संयुक्त समाजसेवी संस्था एवं निवारण हेल्थ वेलफेयर सोसाइटी द्वारा नौ दिसम्बर को कृपे का पुरा गोरमी में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया था, जिसमें ग्रामीणों की आंखों की जांच की गई तथा उपचार हेतु डॉ. रोहित कालरा द्वारा संचालित कालरा हॉस्पीटल ग्वालियर बुलाया गया। कुल 11 रोगियों का अस्पताल में उपचार किया गया, जिसमें चार स्वस्थ (दासोबाई, शिवदयाल, अतरसिंह, लालसिंह) हैं। विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी गोरमी को उन चार स्वस्थ रोगियों को प्रतिदिन परीक्षण करने हेतु निर्देशित किया है। एक रोगी (रामकुमारी) ग्वालियर में निजी हॉस्पीटल में आंख की परेशानी के कारण भर्ती हैं। छह रोगियों (चिरोजीलाल, राजवीर सिंह, चुन्नीबाई, भागीरथ, चमेलीबाई, भूरीबाई) को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा जिला अस्पताल भिण्ड में लाया गया है, जिनको आगामी इलाज हेतु मेडीकल कॉलेज ग्वालियर भेजा जा रहा है।
संयुक्त समाजसेवी संस्था एवं निवारण हेल्थ वेलफेयर सोसाइटी द्वारा उक्त नेत्र शिविर लगाने हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/ विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी को न ही सूचना दी और न ही अनुमति प्राप्त की गई। सोसाइटी द्वारा आयुष्मान के अंतर्गत उपचार हेतु एमओयू नहीं किया गया है। उक्त दोनों त्रुटियों के कारण सोसाइटी एवं चिकित्सालय को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। साथ ही अस्पताल को आयुष्मान से ब्लेकलिस्ट करने संबंधी प्रस्ताव प्रेषित किया जा रहा है।