संबल योजना और भवन एवं कर्मकार मंडल की राशि में गबन का आरोप
भिण्ड, 09 नवम्बर। कोतवाली पुलिस ने शहर के दो पूर्व मुख्य नगर पालिका अधिकारियों (सीएमओ) सहित कुल छह कर्मचारियों पर सरकारी धनराशि के गबन का गंभीर मामला दर्ज किया है। यह गबन मप्र भवन एवं कर्मकार मंडल और संबल योजना के अंतर्गत हुआ, जिसमें सरकारी धन का दुरुपयोग कर निजी लाभ अर्जित करने का आरोप है। आरोप है कि वर्ष 2021 से 2024 के बीच इन योजनाओं के तहत जारी धनराशि का फर्जीवाडा कर इसे निजी लाभ के लिए इस्तेमाल किया गया।
यह एफआईआर नगर पालिका सीएमओ यशवंत वर्मा की शिकायत पर दर्ज की गई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि इन कर्मचारियों ने योजनाओं के लाभार्थियों के नाम पर फर्जी बैंक खातों का निर्माण कर सरकारी धनराशि का गबन किया। पुलिस ने राजेन्द्र सिंह चौहान (सहायक ग्रेड थ्री), राधेश्याम राजौरिया (एआरआई), शिवनाथ सिंह सेंगर (सेवानिवृत्त एआरआई), अशोक जाटव (सेवानिवृत्त एआरआई), तात्कालीन सीएमओ सुरेन्द्र शर्मा और तात्कालीन सीएमओ वीरेन्द्र तिवारी को इस मामले में आरोपी बनाया है। इन सभी पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 409, 420, 467, 468 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
शिकायत के अनुसार, इन आरोपियों ने लाभार्थियों के नाम पर कूट रचित (फर्जी) बैंक खातों का निर्माण किया और इन खातों में योजना के तहत मिलने वाली धनराशि का हस्तांतरण किया। आरोपियों ने वास्तविक लाभार्थियों को इस धनराशि से वंचित रखा और धनराशि अन्य व्यक्तियों को स्थानांतरित कर दी। सूत्रों के अनुसार ये कर्मचारी गबन के लिए योजनाओं के डेटा में बदलाव कर वास्तविक लाभार्थियों के नाम पर फर्जी दस्तावेज और फर्जी बैंक खातों का इस्तेमाल कर रहे थे। जांच से यह सामने आया कि बडी संख्या में लाभार्थियों के नाम पर खोले गए इन खातों में उन व्यक्तियों का नाम जोडा गया जिनका इन योजनाओं से कोई संबंध नहीं था। इस प्रकार सरकारी राशि का निजी लाभ के लिए दुरुपयोग किया गया।
प्रभावित योजनाएं और संभावित हानि
मामला विशेष रूप से संबल योजना और मप्र भवन एवं कर्मकार मंडल से संबंधित है, जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थीं। इस गबन की वजह से सरकार को लाखों रुपए की हानि उठानी पडी। इन योजनाओं का उद्देश्य जरूरतमंद नागरिकों को सहायता प्रदान करना था, लेकिन इन अनियमितताओं के चलते वास्तविक लाभार्थी वंचित रह गए।
कोतवाली पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपियों पर विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। पुलिस का कहना है कि वह इस मामले की व्यापक जांच कर रही है, जिसमें गबन की राशि का सही-सही अनुमान लगाया जा सके और अन्य संभावित संलिप्त व्यक्तियों की पहचान की जा सके। सूत्रों का कहना है कि गबन के दौरान की गई फर्जी बैंक ट्रांजेक्शनों का ब्यौरा एकत्र किया जा रहा है और इन खातों की जांच की जा रही है ताकि आरोपियों द्वारा किए गए अनियमितताओं का पूरा हिसाब लगाया जा सके। पुलिस ने यह भी कहा है कि मामले में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिनकी पहचान जल्द की जाएगी।
संबंधित अधिकारियों की राय
मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने कहा कि हमने सभी आरोपियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। प्रारंभिक जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में शामिल सभी लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग न हो। फिलहाल पुलिस मामले की पूरी तहकीकात कर रही है और विस्तृत जानकारी के आधार पर आरोपियों की भूमिका और धनराशि के हेरफेर की सटीक जानकारी जल्द ही सामने आएगी।