ड्रैगन अपनी चालबाजी कभी बंद नहीं करेगा : मुदगल

-भारत तिब्बत सहयोग मंच ने किया चीन का पुतला दहन

भिण्ड, 20 अक्टूबर। सन 1962 में 20 अक्टूबर को चीन की सेना द्वारा धोखे से भारत पर हमला किया गया था, जिसमें सैकडों भारतीय जाबांज सैनिक काल के गाल में समा गए थे, इसके विरुद्ध भारत तिब्बत सहयोग मंच भिण्ड इकाई द्वारा भारत चीन युद्ध की 62वीं वर्षी पर चीन के खिलाफ काला दिवस मनाया गया, इस अवसर पर परेड चौराहे पर चीन का पुतला दहन कर भारत तिब्बत सहयोग मंच के युवा विभाग के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अर्पित मुदगल ने मौजूद सभी कार्यकर्ताओं को चीनी समान का पूर्ण बहिष्कार करने का संकल्प दिलाया।
इस दौरान अर्पित मुदगल ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने हिन्दी चीनी भाई-भाई का नारा लगवाया लेकिन चीन ने 1962 में धोखा किया और हम पर युद्ध थोप दिया। हर बार चीन की नीयत में खोट रही है, उसकी विस्तारवादी नीति से आस-पास के समूचे राष्ट्र परेशान है और यकीन मान लीजिए कि जिस प्रकार गलवान घाटी में पीएलए के 40 से भी ज्यादा अफसरों और जवानों का खून पीकर भी ड्रैगन का भूख शांत नहीं रहने वाला। वह किसी भी वक्त कोई नया मोर्चा खोलने से परहेज नहीं करने वाला। क्योंकि चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी की शी जिनपिंग सरकार उसी पीपुल्स रिब्लिक ऑफ चाइना के संस्थापक माओ जेडोंग या माओत्से तुंग के खतरनाक दिमाग की उपज है, जिसने हथेली और पांच उंगलियों वाले विस्तारवादी सिद्धांत का बीज बोया था। लोबसैंग पहले से ही कह चुके हैं, जब तिब्बत पर कब्जा किया गया था, तब माओ जेडोंग और दूसरे चीनी नेताओं ने कहा, तिब्बत तो हथेली है जिसे तो हमें कब्जा करके रखना ही है, उसके बाद हम पांचों उंगलियों के लिए आगे बढेंगे। पहली उंगली लद्दाख है, बाकी चार हैं- नेपाल, भूटान, सिक्कम और अरुणाचल प्रदेश। पिछले वर्षों में चीन ने इन सबके बारे में अपना एजेंडा जाहिर भी कर दिया है।
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष डॉ. कौशलेन्द्र शर्मा ने कहा कि चीन की सीमा चीन की दीवार है, बाकी सब कब्जा है। पुतला दहन के अवसर पर महामंत्री राघव सिंह राठौर, अंशु पंडित, अंकित, सतेन्द्र यादव, सौरभ श्रीवास, संजय शर्मा, सुभाष दुबे, नीलाम भदौरिया, उपेन्द्र व्यास, बृजभान सिंह, राघव सिंह, राजेश शर्मा, टीपू भदौरिया, विक्रम जादौन, सत्यम सोनी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।