बेटियों को खेलने दें वे आपका गौरव बढाएंगी : पूजा ओझा

– सीमित विकल्प ही देते हैं संकल्पों को जन्म : राधेगोपाल
– जन अभियान परिषद ने किया पूजा ओझा का सम्मान

भिण्ड, 25 सितम्बर। मेरी भिण्ड के रहवासियों से अपील है कि बेटियों को खेलने दें वे आपका गौरव बढाएंगी और देश में भी परिवार के साथ आपका नाम रोशन करेंगी। बेटी बोझ नहीं है। मेरे माता-पिता ने मेरी इस बात को समझा परिणाम आपके सामने है। यह बात पेरिस ओलंपिक प्रतिभागी भिण्ड की पूजा ओझा ने कही। वे मप्र जन अभियान परिषद द्वारा कार्यालय कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित सम्मान समारोह में बोल रही थीं। इस अवसर चिकित्सक डॉ. शैलेन्द्र परिहार, वरिष्ठ समाजसेवी शैलेष नारायण सिंह, भारत विकास परिषद प्रकल्प प्रमुख व समाजसेवी श्रवण पाठक, वरिष्ठ समाजसेवी एवं खेल प्रशिक्षक राधेगोपाल यादव सहित जन अभियान परिषद के विकास खण्ड समन्वयक लहार और मेहगांव तथा मेंटर, नवांकुर संस्था प्रतिनिधि, छात्र, प्रस्फुटन समिति के सदस्य मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन जअप के जिला समन्वयक शिवप्रताप सिंह भदौरिया और आभार प्रदर्शन विकास खण्ड समन्वयक जयप्रकाश शर्मा ने किया।
इस अवसर पर जिला समन्वयक शिवप्रताप सिंह ने कहा कि अब वह समय लद गया जब यह कहा जाता था कि खेलोगे कूदोगे तो होगे खराब और पढोगे लिखोगे तो बनोगे नबाव, आज खेलों में युवाओं ने अपनी पहचान बनाकर सिद्ध किया है कि यदि प्रतिभा को सही जगह मिले तो वह भी विश्व में परचम फहरा सकती है। भिण्ड की बेटी ने पूरे विश्व में अपनी धाक जमाई है, यह हमारे लिए गौरव की बात है। वरिष्ठ समाजसेवी खेल प्रशिक्षक राधेगोपाल यादव ने कहा कि जब गौरी पर इन खिलाडियों को प्रशिक्षित किया करता था तो विश्वास था कि यह एक दिन अपना नाम जरूर रोशन करेंगी, आज यह सिद्ध हो गया। पूजा ने भिण्ड की बेटियों के साथ-साथ देश की बेटियों को भी एक रास्ता दिखाया है कि दिव्यागंता बाधा नहीं है, यदि मन में ठान लिया जाए तो सब पाया जा सकता है। भिण्ड को आज पूजा पर गर्व है।
पूजा ओझा ने कहा कि मेरा आप सभी से संदेश है कि अपनी बेटियों को उनके मन का करने दें। उनका मन पढने में है तो पढने दें, यदि उनका मन खेलने का है तो उनको खुलकर खेलने दें। आप अपनी बेटियों पर यकीं रखें वे आपका नाम रोशन करेंगी ही। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मुझे देखो दिव्यांग और जवान बेटी होने के बाद भी मेरे माता-पिता ने मुझ पर विश्वास किया आज परिणाम यह है कि मैं आप सबसे सम्मान पा रही हूं। हमारे यहां बेटियों में बहुत प्रतिभा है आप बस उन्हें बाहर आने दीजिए। इस अवसर पर कोच राधेगोपाल यादव का भी सम्मान किया गया।