भिण्ड, 14 सितम्बर। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड के आदेश अनुसार शनिवार को न्यायालय परिसर गोहद में अपर जिला न्यायाधीश/ अध्यक्ष तहसील विधिक सेवा समिति गोहद आरती ए. शुक्ला की अध्यक्षता में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत में सर्वप्रथम मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जलित कर लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर अपर जिला न्यायाधीश गोहद अफजल खान, न्यायिक मजिस्ट्रेट गोहद विधि डागलिया, आयुष कनेल एवं परिधि शर्मा, अभिभाषक संघ गोहद के अध्यक्ष अशोक जौदान, अधिवक्ता प्रवीण गुप्ता, गब्बर सिंह गुर्जर, यजवेन्द्र श्रीवास्तव सहित वरिष्ठ अधिववक्ता एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
लोक अदालत में न्यायिक मजिस्ट्रेट गोहद विधि डागलिया के न्यायालय में एक राजीनामा ऐसा किया गया, जिसमें विशेष बालक को नहीं पढाने के संबंध में था, उक्त प्रकरण में न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बताया कि सोमता और धर्मेन्द्र की कहानी मैं से शुरू होकर हम हुई, परंतु जैसा कि हर पति-पत्नी के मध्य झगडा होता है इन दोनों के मध्य भी झगडे प्रारंभ हो गए। झगडे की वजह इनका मूक-बधिर बालक था। पत्नी का कहना था कि बच्चा विशेष बालक है तो इसे हम पढाएंगे, किंतु पति इस बात पर राजी नहीं था और झगडे इतने बढ गए कि उन्हें न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पडा। परंतु पति व पत्नी के अधिवक्ताओं धर्मेन्द्र श्रीवास्तव एवं अरविन्द वैशांदर द्वारा दी गई समझाइश एवं न्यायाधीश विधि डागलिया द्वारा किए गए अथक प्रयासों से पति अपने विशेष बालक को पढाने के लिय सहमत हुआ। इस प्रकार लोक अदालत में आज फिर से पति-पत्नी एक-दूसरे को माला पहनाकर मैं से हम हो गए। और अन्य दंपत्तियों के लिए मिसाल पेश की कि कडवाहट आने से रिश्ते खत्म नहीं होते, बल्कि कडवाहट दूर कर रिश्ते फिर से सुधारे जा सकते हैं।