गोहद में निर्माणधीन 100 बिस्तरीय अस्पताल का प्रथम तल डूबा

– इंजीनियर बोले- एसडीएम के प्रस्ताव के बाद जिलाधीश ने किया जगह का आवंटन
– अनुभवहीन अधिकारियों के गलत निर्णय शासन का करोडों रुपया पानी में डुबाया

Ravindra Bohare

भिण्ड, 13 सितम्बर। गोहद नगर में बेसली नदी के किनारे डूब क्षेत्र में बन रहे 100 बिस्तर का नया सिविल अस्पताल भवन का कार्य लगभग 60 प्रतिशत तैयार हो गया है। मंगलवार रात से हुई बारिश में वैसली बांध खतरे के निशान से ऊपर निकल कर ओवरफ्लो हो चुका है, बेसली नदी के ऊपर बना छोटा पुल व गोहदी गांव के बना रपटा व गंगादास का पुरा को जोडने वाला पुल भी डूब गया है। पानी बडे पुल से कुछ फीट नीचे रह गया है। बेसली नदी के किनारे बने कई गांव में पानी घुस गया है और बाढ जैसे हालात निर्मित हो गए हैं। प्रशासन द्वारा अलर्ट कराया गया है। उधर अनुभवहीन तत्कालीन जिलाधीश सतीश कुमार एस एवं अस्पताल प्रबंधन ने जनता व जनप्रतिनिधियों की बात को तबज्जो न देते हुए अपनी मनमर्जी चलाते हुए सिविल अस्पताल के लिए डूब क्षेत्र की जगह चिन्हित कर शासन के करोडों रुपया डूबा दिया तथा प्रशासन द्वारा बेसली नदी के किनारे डूब क्षेत्र में सिविल अस्पताल बनाने की परमिशन दे दी है। आपदा से बचने के लिए बना अस्पताल ही आपदा का शिकार हो गया।

ज्ञात हो कि गोहद शहर में बैसली नदी के किनारे कृषि उपज मण्डी की जमीन पर 16.68 करोड की लागत से नए सिविल अस्पताल के लिए बिल्डिंग का निर्माण स्टेट हेल्थ भोपाल द्वारा कराया जा रहा है। बिल्डिंग को गिर्राज कंस्ट्रक्शन कंपनी अशोकनगर द्वारा तैयार किया जा रहा है। जनमानस का आरोप है कि यह निर्णय प्रशासन का गलत है, डूब क्षेत्र में अस्पताल का निर्माण करवाकर जनमानस की जान को जोखिम में डालने का कार्य किया है। चूंकि अस्पताल का सिर्फ 60 फीसदी काम हुआ है। अस्पताल भवन निर्माण की मंजूरी शासन द्वारा 29 सितंबर 2020 को दी गई। मंजूरी के साथ ही उनको बनाने का काम संबंधित कंपनी द्वारा किया गया। मार्च 2024 में अस्पताल भवन बनकर तैयार होना था और वर्ष 2025 में जिला स्वास्थ्य विभाग को सुपुर्द किया जाना था। वहीं बन रहे अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए विभागीय इंजीनियर भी नहीं आते हैं।
विधायक देसाई ने भी निर्माणाधीन अस्पताल भवन का किया निरीक्षण, कहा- विधानसभा में उठाएंगे मामला
ज्ञात हो कि अस्पताल का प्रथम तल डूब जाने के बाद विधायक केशव देसाई निर्माणाधीन अस्पताल भवन का निरीक्षण करने पहुंचे, उन्हेें निरीक्षण के दौरान अस्पताल में बिल्डिंग में कई खामियां मिली। विधायक देसाई ने बताया कि डूब क्षेत्र में बना अस्पताल का प्रथम तल डूब गया है, पत्रकारों ने जान जोखिम में डालकर अस्पताल में घुसे पानी का कवरेज किया, बिल्डिंग निर्माण के नाम पर शासन द्वारा करोडों रुपए को पानी मे डूबा दिया, मैं इस मामले को विधानसभा में उठाऊंगा।
विधायक ने बताया कि बैसली नदी के पास कृषि उपज मण्डी की जमीन पर अस्पताल भवन बनाया जा रहा है, जबकि कृषि विभाग की यह जमीन नदी के पास होने की वजह से डूब क्षेत्र में आती है। बारिश के सीजन में जब भी बैसली नदी उफान पर होती है तब-तक इस जमीन पर बारिश का पानी तीन से चार फीट तक भर जाता है। लेकिन वर्तमान स्थिति में अस्पताल का प्रथम तल ही डूब गया अस्पताल भवन के लिए यह जमीन उपयुक्त नहीं थी। उसके बाद भी इस जमीन पर 100 पलंग का सिविल अस्पताल बनाया जा रहा है। जनमानस का आरोप है कि प्रशासन के गलत निर्णय से जनमानस की जान से खिलवाड किया जा रहा है।

इनका कहना है-

अस्पताल का प्रथम तल डूबने की जानकारी में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराऊंगा।
डॉ. वीरेन्द्र सिंह, खण्ड चिकित्सा अधिकारी गोहद

मैंने इसकी परमिशन नहीं दी, मेरी संज्ञान में यह मामला नहीं है, मैं इंजीनियरों से इस संबंध में बात करूंगा।
डॉ. शिवराम कुशवाह, सीएमएचओ जिला भिण्ड

इस संबंध में आप जिला चिकित्सा अधिकारी व खण्ड चिकित्सा अधिकारी से बात करें कि उन्होंने किस आधार पर डूब क्षेत्र में अस्पताल बनवाने की परमिशन दी।
संजीव श्रीवास्तव, जिलाधीश भिण्ड

एसडीएम द्वारा प्रस्ताव बनाकर भेजा था जिस पर जिलाधीश ने जगह का आवंटन किया था। आवंटन होने के बाद हमने अस्पताल का कार्य शुरू किया।
अमित सिंह, इंजीनियर स्वास्थ्य विभाग