भिण्ड, 17 जून। 16 जून से 15 अगस्त तक मछली का प्रजनन काल होने से वंशवृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए मत्स्य संरक्षण की जाकर उक्त काल को बंद ऋतुकाल घोषित किया गया है।
कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने आदेश जारी कर कहा है कि मप्र मत्स्यद्योग अधिनियम 1948 (संशोधित) 1981 की धारा 3 (3) एवं मप्र नदीय नियम 1972 के नियम 3(2) के अंतर्गत संपूर्ण मप्र में 16 जून से 15 अगस्त तक बंद ऋतुकाल होने के कारण अवैधानिक मत्स्याखेट, परिवहन, क्रय, विक्रय, निषिद्ध होकर संज्ञेय अपराध है, नियम का उल्लंघन करने पर उक्त मत्स्यद्योग की धारा 5 में पांच हजार रुपए तक का जुर्माना अथवा एक वर्ष का कारावास अथवा दोनों से दण्डित किए जाने का प्रावधान है। मप्र मछली पालन विभाग के आदेशानुसार छोटे तालाब व अन्य स्त्रोत जिनका कोई संबंध किसी नदी से नहीं है और जिन्हें निर्दिष्ट जल की परिभाषा के अंतर्गत नहीं लिया गया है, को छोड़कर समस्त नदियों एवं जलाशयों में मत्स्याखेट पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा।