भिण्ड, 16 जुलाई। मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड राजीव कुमार अयाची के आदेशानुसार एवं जिला न्यायाधीश/ सचिव जिविसेप्रा भिण्ड हिमांशु कौशल के मार्गदर्शन में पीएमश्री शामावि एसएएफ बटालियन भिण्ड में नालसा द्वारा संचालित योजना एवं अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस के उपलक्ष्य पर बच्चों के मूल अधिकारों एवं शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2010 के आलोक में विधिक साक्षरता एवं जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर में मुख्य रूप से उपस्थित जेएमएफसी भिण्ड सुश्री अनुभूति गुप्ता ने नालसा द्वारा संचालित योजनाओं के बारें में एवं बच्चों के मूल अधिकारों एवं शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2010 के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि बच्चे किसी भी देश की सर्वोच्च संपत्ति है वे संभावित मानव संसाधन है एवं छह से 14 साल की उम्र के हरेक बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है एवं इसके अतिरिक्त उन्होंने बच्चों को गुड टच एवं बेड टच के बारे में विस्तार पूर्वक समझाया एवं उनके साथ किसी भी प्रकार की ऐसी घटना होने पर तुरंत अपने अध्यापक एवं अपने परिवारजन को उसके बारें में अवगत कराने हेतु भी समझाया गया। इसके साथ ही सभी बच्चों को चाईल्ड हेल्प लाईन नं.1098 के संबंध में भी जानकारी दी। नि:शुल्क विधिक सहायता योजना के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि बच्चे नियमानुसार नि:शुल्क विधिक सहायता हेतु पात्र हैं जिसका लाभ वे स्वयं या अपने अभिभावक के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में उपस्थित होकर/ पत्र के माध्यम से या टोल फ्री नं.15100 पर संपर्क कर प्राप्त कर सकते हैं। इस अवसर पर स्कूल के प्राचार्य अरविन्द सिंह तोमर, कल्पना भदौरिया एवं स्कूल का समस्त स्टाफ, बच्चे तथा पीएलव्ही भिण्ड मनोज श्रीवास, प्रभुदयाल उपस्थित रहे।
आने वाली पीढियों के लिए पौधारोपण अत्यंत महत्वपूर्ण
शिविर आयोजन के पश्चात पंच-ज अभियान के अंतर्गत वृहद पौधारोपण कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसमें न्यायाधीश एवं विद्यालय के स्टाफ द्वारा पौधारोपण किया गया एवं बच्चों को पौधारोपण किए जाने हेतु प्रोत्साहित किया गया एवं पौधों का हमारे जीवन को स्वच्छ बनाने में क्या महत्व है इस बारें में भी विस्तृत रूप से जानकारी दी गई।