पांच माह ज्ञान अमृत अपनी आत्मा में उतारकर पुण्य प्राप्त करें : विनय सागर

नौवां संस्कारमय पावन वर्षयोग की हुई कलश स्थापना
महावीर गंज जैन मन्दिर से निकाली गई मंगल कलश शोभायात्रा

भिण्ड, 10 जुलाई। आज वर्षा योग की स्थापना नहीं श्रमण और श्रावक संयम का दिन है, संत समागम का पावन क्षण है, इसे हम स्वर्णिम बना सकते हैं। जीवन की अज्ञानता पूर्ण गागर को सागर का रूप प्रदान कर सकते हैं। वर्षा योग में वर्षा निश्चित होगी। चातुर्मास की धर्म प्रभावना वैसे चार माह तक निरंतर होती है, मगर इस बार का चतुर्मास पांच माह तक आपको आत्मा साधना कल्याण और संयम ग्रहण करने का सौभग्य मिला रहा है। यह बात श्रमण मुनि विनय सागर महाराज ने सोमवार को महावीर कीर्तिस्तंभ मन्दिर में नौवे संस्कारमय वर्षायोग मंगल कलश स्थापना समारोह में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही।

मुनि विनय सागर महाराज ने कहा कि आप पूरी तैयारी करें, धर्म वर्षा में भीग कर अपने जीवन का कल्याण करें। ज्ञान की अमृत भावना को चार माह तक अपनी आत्मा में उतारे और पुण्य प्राप्त करें। साधु-संत चातुर्मास में परमात्मा की पहचान करा कर भक्ति रस पान कराते हैं। हर इंसान को अपने कार्यों का फल मिलता है, भले वो इस जन्म में न मिले परंतु पर भव में मिलता है। वृद्धों को सभा में अगला भाव सुधारने के लिए अवश्य बैठना चाहिए। इस मौके पर भिण्ड जैन समाज की अनेकों संस्थाओं के साथ ग्वालियर, दिल्ली, धौलपुर, आगरा, झांसी, मुरैना के समाज जनों ने सामूहिक रूप से श्रीफल भेंट किया। संचालन प्रतिष्ठाचार्य शशिकांत शास्त्री व कमलेश जैन ने किया।
इन्होंने किया कलश स्थापना समारोह कार्यक्रम का शुभारंभ
प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि कलश स्थापना का शुभारंभ चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित राजेश आकाश जैन तथा मुनि के पाद प्रक्षालन दीपक जैन शास्त्र भेंट राजेश जैन बंटी परिवार ने किया। संगीतकार कीर्ति जैन के भक्तिमय भजनों पर भक्ति की।
कलश शोभायात्रा के साथ शुरू हुआ 48 दिवसीय भक्ताम्बर विधान
श्रमण मुनि विनय सागर महाराज के सानिध्य में विश्व की सुख शांति एवं समृद्धि के लिए 48 दिवसीय भक्ताम्बर विधान का शुभारंभ सोमवार को सुबह मंगल कलश शोभायात्रा निकालकर किया गया। मुनि विनय महाराज के सानिध्य में महावीर गंज स्थित शांतिनाथ जैन मन्दिर से गाजे-बाजे, ढोल-तासे के मंगल कलश शोभायात्रा शुरू हुई। शोभायात्रा महावीर गंज से शुरू होकर गोल मार्केट, सदर बाजार के होती हुई महावीर कीर्तिस्तंभ मन्दिर पहुंची। जिसमें महिला मंगल कलश सिर पर लेकर व बालिकाएं डांडिया नृत्य करते हुई चल रही थीं। मुनि के चरणों पाद प्रक्षालन समाज जनों ने अपने घर व प्रतिष्ठानों के बाहर रंगोली सजा कर किया। कीर्तिस्तंभ मन्दिर में मुनि व प्रतिष्ठाचार्य शशिकांत शास्त्री ने मंत्रों के साथ भक्ताम्बर विधान का शुभारंभ ध्वजारोहण कर किया। तत्पश्चात महिलाओं ने मुख्य कलश की स्थापना की। भगवान जिनेन्द्र का अभिषेक व शांतिधारा स्वर्ण कलश से लोगों ने किया।
शोभायात्रा में ललितपुर से व्यायामशाला के लोगों ने दिखाए कर्तव्य
ललितपुर से आए व्यायामशाला के नौ लोगों ने शोभायात्रा के पूरे रास्ते चकरी घुमाना, हाथों में नारियल रखकर लट्ठ से तोडना, मुंह से आग के गोले छोडना, अपनी छाती पर पत्थर रखकर हथौडे से तोडना आदि कलाओं का प्रदर्शन किया।
इन्हें मिला चतुर्मास भव्य मंगल कलश स्थापन करने का पुण्य
प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि चातुर्मास का प्रथम गणाचार्य विराग सागर कलश- आदित्य जैन परिवार आगरा, दूसरा आचार्य विनम्र सागर कलश- दीपक जैन आगरा एवं तीसरा कलश श्रमण मुनि विनय सागर कलश- राजेश जैन (लल्ला) ग्वालियर परिवार को सौभाग्य प्राप्त हुआ।