भाविप के स्थापना दिवस पर नेत्र परीक्षण शिविर एवं पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित
भिण्ड, 10 जुलाई। भारत विकास परिषद के स्थापना दिवस के 60 वर्ष पूर्ण होने पर सोमवार को भाविप शाखा भिण्ड द्वारा ग्राम अकोडा में 50 पौधों को रोपण किया गया, साथ ही उनके संरक्षण का संकल्प भी लिया। परिषद द्वारा उपस्वास्थ्य केन्द्र पर नि:शुल्क मोतियाबिंद नेत्र परीक्षण शिविर का किया आयोजन किया गया। जिसमें 180 मरीजों की आंखों का परीक्षण कराया गया। इस दौरान टीम द्वारा 62 मरीजों का मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए चयनित किया गया। शिविर में चयनित मरीजों को नि:शुल्क ऑपरेशन के लिए रतन ज्योति नेत्रालय ग्वालियर भेजा गया। उनके मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद लेंस प्रत्यारोपण किया जाएगा।
इस दौरान कार्यक्रम संयोजक डॉ. डीके शर्मा ने पेडों के महत्व को समझाते हुए कहा कि पेड हमारे जीवन की अमूल्य कडी हैं, जलवायु परिवर्तन के दौर में पर्यावरणीय संतुलन के लिए पौधारोपण एक अच्छी पहल है, लेकिन जब हम पौधा लगाएं तो उसके संरक्षण का भी संकल्प लें। जब तक नन्हा पौधा बडे वृक्ष का आकार न ले ले, तब तक हमें उसकी देखभाल करनी चाहिए। तभी हमारा पेड पौधा लगाने की सार्थकता होगी। इस अवसर पर प्रांतीय संयोजक कमलेश सेंथिया, शाखा अध्यक्ष आलोक दैपुरिया, उपाध्यक्ष सुरेश बरुआ, सचिव जयप्रकाश शर्मा, विनोद दूरवार, गिरजेश बुधोलिया, मनोज सेंथिया सहित ग्रामीण जन उपस्थित रहे।
ज्ञातव्य रहे कि भारत विकास परिषद एक सेवा एवं संस्कार-उन्मुख गैर राजनैतिक, सामाजिक-सांस्कृतिक स्वयंसेवी संस्था है। जो मानव-जीवन के सभी क्षेत्रों (संस्कृति, समाज, शिक्षा, नीति, अध्यात्म, राष्ट्रप्रेम आदि) में भारत के सर्वांगीण विकास के लिए समर्पित है। इसका लक्ष्य वाक्य है- स्वस्थ, समर्थ, संस्कृत भारत तथा इसकी स्थापना स्वामी विवेकानंद के जन्मशताब्दी के अवसर पर 12 जनवरी सन् 1963 को भारत के प्रमुख उद्योगपतियों एवं समाज-सुधारकों जैसे- लाला हंसराज, डॉ. सूरज प्रकाश आदि द्वारा नागरिक समिति की स्थापना की गई थी। ताकि चीनी आक्रमण का प्रतिकार किया जा सके। बाद में इसी का नाम भारत विकास परिषद रखा गया। 10 जुलाई 1963 को सोसायटीज पंजीकरण अधिनियम 1860 के अंतर्गत इसका पंजीकरण हुआ। इस प्रकार यह परिषद स्वामी विवेकानंद के आदर्शों एवं शिक्षाओं पर चलती है। भारत विकास परिषद संपर्क, सहयोग, संस्कार, सेवा, समर्पण एवं प्रकल्पों के द्वारा समाज की सेवा करती है। परिषद बच्चों, युवाओं, परिवार, वरिष्ठ नागरिक के लिए विकास कार्यक्रम चलाती है। जिसमें प्रमुख राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता, भारत को जानो, गुरुवंदन छात्र अभिनंदन कार्यक्रम, बाल संस्कार शिविर, राष्ट्रीय संस्कृत गीत प्रतियोगिता, युवा संस्कार शिविर, परिवार संस्कार शिविर, सेवा कार्य आदि प्रमुख हैं।