महत्वपूर्ण अधिकार है नि:शुल्क विधिक सहायता का अधिकार

भिण्ड, 23 मार्च। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड के निर्देशन एवं जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुनील दण्डौतिया के मार्गदर्शन में देहात पुलिस थाना परिसर में विधिक साक्षरता एवं जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर में बतौर मुख्य अतिथि न्यायिक मजिस्टे्रट भिण्ड सुश्री चाहना शर्मा ने उपस्थित जनों को पुलिस शिकायत प्रक्रिया तथा न्याय व्यवस्था के संबंध में विधिक साक्षरता के विषयों पर जानकारी देते हुए बताया कि यदि किसी व्यक्ति के साथ संज्ञेय अपराध घटित होता है तो ऐसी परिस्थिति में समाज का कोई भी व्यक्ति संबंधित थाने में उपस्थित होकर उसकी जानकारी संबंधित थाना प्रभारी को दे सकता है। परंतु यदि थाना प्रभारी एफआईआर दर्ज करने से इंकार करता है तो संबंधित व्यक्ति जिले के पुलिस अधीक्षक को घटना से संबंधित जानकारी स्वयं उपस्थित होकर या पत्र के माध्यम से प्रदाय कर सकता है। इसके बावजूद यदि एफआईआर नहीं लिखी जाती है तो वह व्यक्ति धारा 156(3) दंप्रसं के अंतर्गत संबंधित न्यायिक मजिस्टे्रट के न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकता है।
इस अवसर पर जिला विधिक सहायता अधिकारी भिण्ड सौरभ कुमार दुबे ने उपस्थितजनों को नि:शुल्क विधिक सहायता योजना की जानकारी देते हुए बताया कि महिलाओं, बच्चों, अजा एवं अजजा, समान्य वर्ग के लोग जिनकी वार्षिक आय दो लाख रुपए से कम है, नि:शुल्क विधिक सहायता के पात्र हैं। जिसका लाभ वे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में उपस्थित होकर या पत्र के माध्यम से या टोल फ्री नं.15100 पर संपर्क कर प्राप्त कर सकते हैं। इस अवसर पर थाना प्रभारी थाना देहात भिण्ड, थाना स्टाफ एवं पीएलही बृजेन्द्र कुमार उपस्थित रहे।