तीन अप्रैल से कलेक्ट्रेट पर होगा किसानों को घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन

प्रतापपुरा में किसानों की महा पंचायत आयोजित

भिण्ड, 05 मार्च। भारतीय किसान संघ जिला भिण्ड के नेतृत्व में अटल प्रोग्रेस-वे को अपने पूर्व निर्धारित स्थान से निकालने की मांग को लेकर ग्राम प्रतापपुरा में लगातार जारी धरने के 20वे दिन किसानों की महापंचायत आयोजित की गई। इस पंचायत में क्षेत्र के उदोतगढ़ से लेकर तोर के पुरा फूफ तक के लगभग 25 गांव के किसानों ने भाग लिया। सभी गांव के किसानों का कहना था कि हम किसी भी परिस्थिति में अपनी जमीन नहीं देंगे, जिस तरह से हम अपनी बहन-बेटी की इज्जत आबरू के लिए संघर्ष करते हैं, उसी तरह से अपनी धरती माता के लिए भी संघर्ष करेंगे।
मुरैना से आए किसान नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि किसानों की यह जमीन बेशकीमती है, मप्र की यह सबसे उपजाऊ जमीनों में से एक है, इसी जमीन के ऊपर पहले नहर निकाली गई, उसके बाद दूसरा हाईवे बनाया गया और अब एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है। इस तरह से तो यह स्पष्ट है कि यहां के किसानों के पास कोई भी जमीन बचने वाली नहीं है। मुरैना के ही क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि आज यदि हमने संघर्ष नहीं किया तो आगे आने वाली पीढिय़ां हमसे यह प्रश्न पूछेंगी कि आपने तो अपनी जमीन को बेच कर और उससे मिले रुपए को खर्च करके हम लोगों को कंगाल बना किया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से आज पाकिस्तान अन्न के एक-एक दाने के लिए तरस रहा है, उसी तरह से एक समय ऐसा आएगा कि हम भी अन्न के एक-एक दाने के लिए तरसेंगे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हमारे समाज में क्षत्रााणियों ने आतातायियों से बचने के लिए जौहर किया था, तो क्या हम सभी अपनी जमीन बचाने के लिए जौहर नहीं कर सकते।
अन्य पिछड़ा वर्ग महासभा मप्र के प्रदेश अध्यक्ष जीतू नरवरिया ने महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा संगठन किसानों के साथ तन-मन-धन से खड़ा हुआ है, जब भी किसानों को संगठन की आवश्यकता होगी संगठन किसी भी स्थिति में पीछे नहीं हटेगा। जिला सहकारी बैंक भिण्ड के पूर्व अध्यक्ष श्यामसुंदर सिंह जादौन ने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान है, किसान ही इस देश की जान है, लेकिन यह देखने में आ रहा है कि विकास का सारा बोझ किसान के ऊपर ही है, इस एक्सप्रेस-वे से भिण्ड के किसानों को कोई भी फायदा नहीं होने वाला है, क्योंकि यह एक्सप्रेस-वे 22 फुट ऊंचा जा रहा है, जिसमें स्थानीय लोगों को रोजगार भी प्राप्त नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अगर हमें अपनी जमीन बचानी है तो हमें पूरे जुनून के साथ संघर्ष करना होगा।
महापंचायत को संबोधित करते हुए सुमावली के पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार ने कहा कि यह समय किसानों के लिए निरंतर संघर्ष का है, आज भिण्ड में नौ हजार परिवार इस एक्सप्रेस-वे से प्रभावित हो रहे हैं, साथ ही एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर 500-500 मीटर का कॉरिडोर भी बनाया जाएगा, जिससे इस क्षेत्र के किसानों के पास भूमि की भारी कमी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि प्रतापपुरा में 20 दिन से जो धरना प्रदर्शन जारी है, इसको अब समाप्त करके कलेक्ट्रेट पर घेरा डालो डेरा डालो आन्दोलन चलाया जाए और यह आन्दोलन एक दिन का नहीं होगा, यह आन्दोलन लंबे समय तक चलाना पड़ेगा। किसान अपना आटा, दाल लेकर के जाएं और कलेक्ट्रेट में ही डेरा डाल दें।
अंत में निर्णय हुआ कि तीन अप्रैल से भिण्ड कलेक्ट्रेट पर किसानों का घेरा डालो डेरा डालो कार्यक्रम चालू होगा, जिसकी तैयारी के लिए 20 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति आज से गांव-गांव किसानों से संपर्क करके इस घेरा डालो डेरा डालो आन्दोलन को सफल बनाने के लिए निरंतर संपर्क करेगी और गांव-गांव में भ्रमण कर छोटी-छोटी बैठक करके किसान को इस आंदोलन के लिए तैयार करने का काम करेगी। इस समिति में इन्द्रप्रकाश त्रिपाठी मधैयापुरा, रामप्रकाश शर्मा, प्रदीप बौहरे सकराया, शंभूसिंह भदौरिया, उल्फत सिंह जादौन, सेवकराम शर्मा, सुरेश शर्मा उदोतगढ़, शंकरदयाल पाराशर, शिवदत्त शर्मा, रामगोपाल बघेल बूढऩपुर, रामेन्द्र सिंह भदौरिया, सोबरन सिंह भदौरिया, प्रहलाद सिंह भदौरिया, उम्मेद सिंह राजावत जम्हौरा, सोबत सिंह तोर का पुरा, राजेन्द्र सिंह जलपुरी, नीरज सिंह भदौरिया, बंटू सिंह भदौरिया मटघाना, कोमल सिंह नरवरिया, दिनेश सिंह नरवरिया बलारपुरा, भगत सिंह भदौरिया चोम्हो, रामकरण सिंह भदौरिया खड़ेरीपुरा, राधेश्याम शर्मा सुरपुरा, रामचन्द्र सिंह भदौरिया अंगदपुरा को सौंपा गया है।