भोनपुरा में मां चिल्लासन देवी मन्दिर पर चल रही है श्रीमद् भागवत कथा
भिण्ड, 01 मार्च। गोहद क्षेत्र के मां चिल्लासन देवी मन्दिर ग्राम भोनपुरा पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन बुधवार को कथा व्यास पं. किशोरचंद्र रामायणी ने कहा कि हर व्यक्ति के दिल में राष्ट्र भक्ति अनिवार्य है, राष्ट्र भक्ति होने पर ही समर्पण की भावना जाग्रति होगी, जिसके फलस्वरूप हम राष्ट्र व जनता के हित के लिए कार्य करते हैं, भारत भूमि सबसे पवित्र भूमि है, यहां जन्म लेने के लिए स्वयं देवता भी तरसते हैं, नर शरीर पाकर भगवान का भजन न किया तो आप की स्थिति श्वान, बिट, बरार, ऊंट की भांति है। भगवान से मिलने के लिए ना तो विद्या, धन, उम्र, बिरादरी, की जरूरत नहीं है। केवल प्रेम की विराट परमात्मा को उसका स्वरूप मानकर सब से प्रेम करो, यही उसकी प्राप्ति का उपाय है। संसार में आकर नर तन पाकर भी उस प्रभु से प्रेम न किया, उस भगवान का स्मरण भजन ना किया तो उसका जीवन भी पशुवत ही है।
रामायणी ने कहा कि आज के समय में जो लड़के बाप से लड़कर हिस्सा मांगे, जो बंटवारे के लिए मां-बाप की सेवा करें वह बेटा, जो पिता के पीछे पुण्य कर्म कर नर्क आदि लोगों से तार दे और जीते जी माता-पिता को कहे कि संपत्ति किसी भी भाई को दे दो पर आपके चरण कमल सदा इस आंगन में रहने चाहिए वह सच्चा पुत्र है। और इससे भी ऊंचा है। एक पुत्री का स्थान सौ पुत्रों के समान होता है। शीलार वाले बाबा का वर्णन करते हुए धर्म रक्षा के लिए महापुरुषों द्वारा किए गए कार्यों का स्मरण कराया, महापुरुषों ने धर्म के लिए सर्वत्र निछावर कर दिया। आतताई लोगों का नाश किया। आज की भागवत कथा में राजा परीक्षित और कौरव पांडवों का वर्णन किया गया। तत्पश्चात शिवशंकर परिवार सहित झांकी का आयोजन किया गया। कथा में पारीछत बदन सिंह तोमर दद्दू पत्नी कमला देवी तोमर सहित हजारों भक्तगण कथा श्रवण करने पहुंचे।