बुनियादी स्तर की शिक्षा के लिए केन्द्रीय शिक्षा मंत्री की स्वागत योग्य पहल
भिण्ड, 07 नवम्बर। छोटे बच्चों के बुनियादी स्तर के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा भारत के शिक्षा क्षेत्र के लिए केन्द्रीय शिक्षा मंत्री की एक अभिनव पहल है। साथ ही भावी पीढिय़ों को और अधिक सक्षम बनाने का मार्ग है।
अभी तक सरकार की दृष्टि में स्कूल शिक्षा की शुरुआत पहली कक्षा से होती थी किन्तु राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2000 के अंतर्गत बुनियादी स्तर की शिक्षा को भी औपचारिक शिक्षा का अंग माना गया है। अभी तक सरकार की आंगनबाड़ी, बालबाडिय़ों तथा पब्लिक एवं निजी स्कूलों में प्ले-वे या नर्सरी, केजी के नाम से चलने वाली ये कक्षाएं अब औपचारिक शिक्षा का भाग मानी जाएंगी। केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय की पाठ्यचर्या रूपरेखा में शिशु के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास की परिकल्पना की गई है। इसके तहत तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए खेल-खेल में शिक्षा और मैदान के कार्यक्रमों के माध्यम से सिखाने पर बल दिया गया है ताकि बच्चे इसे बोझ न समझते हुए मौजमस्ती से सीख सकेंगे। रटने की प्रवृत्ति से बचेंगे और पढ़ाई तथा स्कूल के प्रति उनके मन में विकसित होने वाले भय से बचे रहेंगे। केन्द्र सरकार की इस शिक्षा नीति का विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान द्वारा अभा अध्यक्ष डी. रामकृष्ण राव की ओर से बुनियादी स्तर के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा-2022 का स्वागत किया है।