सेवार्थ जन कल्याण समिति के सदस्यों ने किया अमर ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट दिल्ली का भ्रमण

ग्वालियर, 16 अक्टूबर। विशेष आमंत्रण पर जन कल्याण सेवा समिति के सदस्यों द्वारा अमर ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट, कड़कडड़ूमा, दिल्ली की यात्रा का आयोजन किया। उनके साथ दो शिक्षिकाएं थीं। इस यात्रा में सेवार्थ पाठशाला के संरक्षक पूर्व व्याख्याता ओपी दीक्षित एवं भूतपूर्व सैना अधिकारी संयोजक मनोज कुमार पाण्डे ने विगत दिवस भ्रमण किया गया
अमर ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट समावेशी शिक्षा, चिकित्सा देखभाल, व्यावसायिक प्रशिक्षण, बाल मार्गदर्शन और स्वरोजगार सहित समग्र दृष्टिकोण के माध्यम से दिव्यांग बच्चों को समावेशी शिक्षा के साथ-साथ पुनर्वास सेवाएं प्रदान करता है। जहां उन्हें अमर ज्योति समावेशी शिक्षा स्कूल का भ्रमण कराया गया। नि:शक्तजनों के लिए प्रभावशाली सुविधाएं थीं, जैसे दृष्टि बाधित छात्रों के लिए विशेष उपकरणों के साथ एक कंप्यूटर प्रयोगशाला और उनकी आवश्यकता वाले लोगों के लिए अनुकृलित कृत्रिम अंग बनाने की सुविधा। सौंदर्य, मिट्टी के बर्तन, बेकरी, बुनाई, आभूषण बनाना, कंप्यूटर पाठ्यक्रम और कई अन्य जैसे विभिन्न व्यावसायिक कौशल के लिए कक्षाएं थीं। छात्रों को समिति के सदस्यों के साथ बातचीत करने का मौका मिला, जिन्होंने समावेशी शिक्षा की अवधारणा पर प्रकाश डाला। सदस्यों ने दिव्यांग छात्रों के साथ भी बातचीत की, जिन्होंने अपनी पृष्ठभूमि की कहानियां और भविष्य के लिए अपनी महत्वाकांक्षाओं को साझा किया। बाद में अमर ज्योति के छात्रों द्वारा दीपावली मेले के उत्सव के आयोजन में लॉटरी के टिकटों का अनावरण एवं अन्य रंगारंग कार्यक्रम, देशभक्ति गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया गया, जिसका मुख्य आकर्षण यह था कि सामान्य और नि:शक्तजन एक साथ मंच पर प्रस्तुति देते थे। यह दौरा एक विशेष अनुभूति एवं एक समृद्ध अनुभव साबित हुआ।


अमर ज्योति ट्रस्ट की संरक्षिका पद्मश्री से सम्मानित श्रीमती उमा तुली ने उपस्थित जनसमुदाय, समाजसेवी संस्थाओं, बच्चों, शिक्षकों, सेवार्थ पाठशाला के सदस्यों एवं अन्य पद्मश्री से सम्मानित समाजसेवियों का सभी से परिचय करवाया एवं कोरोना काल में झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों दिव्यांगों के लिए पाठशाला के शिक्षकों एवं सदस्यों द्वारा ग्वालियर शहर में प्रारंभ किए प्रयासों एवं कार्यों को सभी से परिचित करवाया तथा भूरि-भूरि प्रशंसा की। यह भ्रमण एक मैत्रीपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ।