प्रमुख सचिव के समक्ष विधायक संजीव सिंह ने विद्युत विभाग भिण्ड की खोली पोल

बैठक में फीडर निजीकरण करने का किया विरोध, कहा- उपभोक्ताओं को होगी परेशानी

भिण्ड, 03 अगस्त। जिले में कई महीनों से चल रही विद्युत समस्या की समीक्षा लेने प्रमुख सचिव संजय दुबे ऊर्जा विभाग भोपाल ने भिण्ड का निरीक्षण किया। जिसके पश्चात जिला पंचायत भिण्ड में विद्युत समस्या पर समीक्षा बैठक ली। बैठक में भिण्ड विधायक संजीव सिंह, कलेक्टर सतीश कुमार पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह, जिला पंचायत सीईओ जेके जैन, महाप्रबंधक दिनेश सुखीजा, उप महाप्रबंधक शुभम चौधरी मौजूद रहे।
बैठक में विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने प्रमुख सचिव के समक्ष विद्युत विभाग भिण्ड द्वारा की जा रही मनमानी और अधूरे पड़े कार्यों से जनता को रही परेशानी से रूबरू कराया। विधायक ने बैठक में बताया कि भिण्ड में भिण्ड जिले में फीडरों का निजीकरण करने की तैयारी की जा रही है। जबकि भोपाल, सागर, उज्जैन जैसे महानगरों में ये निजीकरण पूर्णत: असफल रहा। मप्र में बकाया राशि में भिण्ड जिला चौथे स्थान पर है इससे कई ज्यादा चोरी और बकाया राशि सतना, रीवा जैसे जिलों में हैं, उसमें कहीं भी निजीकरण जैसी कोई प्रक्रिया नहीं अपनायी जा रही है। निजीकरण होने से कंपनी और ठेकेदार अपनी मनमानी करेंगे जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी होगी।
विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने अपना सुझाव देते हुए कहा कि फीडरों का निजीकरण न करते हुए भिण्ड में व्याप्त विद्युत संबंधी समस्या लाइनों का सुधार, ट्रांसफार्मरों का रख-रखाव, आंकलित बिल खपत, शत-प्रतिशत मीटरीकरण जैसी प्रमुख समस्याओं पर कार्य किया जाए तो क्षेत्र की जनता के साथ-साथ बिजली कंपनी को भी लाभ होगा। उपभोक्ता कटिया नहीं डालेंगे और ट्रांसफार्मरों पर लोड नहीं बढ़ेगा। पर्याप्त बिजली मिलने से उपभोक्ता समय-सीमा में बिजली बिल भी भरेंगे। विधायक कुशवाह ने अपनी बात रखते हुए आगे कहा कि विधानसभा भिण्ड में दो सबस्टेशन स्वीकृत किये जा चुके हैं एक मेला ग्राउण्ड दूसरों ग्रामीण में कचौंगरा सबस्टेशन इसकी वित्तीय स्वीकृति प्रदान की जाए, भिण्ड शहर में दो जोन कार्यरत हैं एक अतिरिक्त जोन बढ़ाया जाए साथ ही शहर में एफओसी की गाडियां एवं लाईन स्टाफ की संख्या बढ़ाई जाए। स्टाफ कमी से क्षेत्र में बिजली शिकायतें कई दिनों तक लंबित पड़ी रहती है। पूर्व की तरह भिण्ड में 8/5 सबस्टेशन व माधौगंज हाट में शिकायत केन्द्र थे जो बंद हैं उन्हें सुचारू रूप से पुन: प्रारंभ किया जाए, जिससे समस्याओं का समय-सीमा में निराकरण हो सके। प्रमुख सचिव संजय दुबे ने समस्याओं से रूबरू होते हुए शीघ्र ही निराकरण करने के लिए निर्देशित किया साथ ही फीडर निजीकरण न करने के लिए भोपाल में बैठक ली जाएगी।