पंचायत एवं निकाय चुनाव के संबंध में प्रिटिंग प्रेस संचालकों की बैठक आयोजित

भिण्ड, 16 जून। अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी प्रवीण फुलपगारे ने त्रिस्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय निर्वाचन को लेकर जिले के प्रिटिंग प्रेस संचालकों की बैठक ली। बैठक में निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के तहत निर्वाचन सामग्री मुद्रित करने के संबंध में जानकारी से अवगत कराया।
उन्होंने कहा कि पुस्तिकाओं-पोस्टरों आदि के मुद्रण पर 127-क(1) कोई भी व्यक्ति कोई ऐसी निर्वाचन पुस्तिका या पोस्टर जिसके मुख्य पृष्ठ पर उसके मुद्रक और प्रकाशन के नाम और निर्वाचन पते न हो, मुद्रित या प्रकाशित न करेगा और न मुद्रित या प्रकाशित कराएगा। कोई भी व्यक्ति किसी निर्वाचन पुस्तिका या पोस्टर को उस दशा में के सिवाय न तो मुद्रित करेगा और न मुद्रित कराएगा जिसमें वह उसके प्रकाशक को अनन्यता के बारे में अपने द्वारा हस्ताक्षरित और ऐसे दो व्यक्तियों द्वारा जो उसे स्वयं जानते हैं, अनुप्रमाणित द्विप्रतीक घोषणा मुद्रक को परिदत्त कर देता है, तथा उस दशा में सिवाय न तो मुद्रित करेगा और न मुद्रित कराएगा, जिसमें कि मुद्रक घोषणा की एक प्रति, दस्तावेज की एक प्रति के सहित उस दशा में जिसमें वह राज्य की राजधानी में मुद्रित की जाती है, मुख्य निर्वाचन अधिकारी को तथा किसी अन्य दशा में उस जिले के जिसमें कि वह मुद्रित की जाती है, जिला मजिस्ट्रेट को दस्तावेज के मुद्रण के पश्चात युक्तियुक्त समय के भीतर भेज देता है।
इस धारा के प्रयोजनों के लिए दस्तावेज की अनेकानेक प्रतियां बनाने को किसी ऐसी प्रक्रिया की बावत जो हाथ से नकल करके ऐसी प्रतियां बनाने से भिन्न है, यह समझा जाएगा कि वह मुद्रण है, और ‘मुद्रकÓ पद का अर्थ तद्नुसार लगाया जाएगा तथा निर्वाचन पुस्तिका या पोस्टर से किसी अभ्यर्थी या अभ्यर्थियों के समूह के निर्वाचन को संप्रवर्तित या प्रतिकूलित: प्रभावित करने के प्रयोजन के लिए वितरित कोई मुद्रित पुस्तिका, पर्चा या अन्य दस्तावेज या निर्वाचन के प्रति निर्देश करने वाला कोई प्लेकार्ड या पोस्टर अभिप्रेत है, किन्तु किसी निर्वाचन सभा की तारीख, समय, स्थान और अन्य विशिष्टियों को केवल आख्यापित करने वाला या निर्वाचन अभिकर्ताओं या कार्यकर्ताओं को चर्चा संबंधी अनुदेश देने वाला कोई पर्चा, प्लेकार्ड या पोस्टर इसके अंतर्गत नहीं आता। जो कोई व्यक्ति उप-धारा (1) या उप-धारा (2) के उपबंधों में से किसी का उल्लंघन करेगा वह कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी या जुर्माने से, जो दो हजार रुपए तक का हो सकेगा या दोनों से दण्डनीय होगा।