केन्द्रीय मंत्री तोमर, प्रभारी मंत्री सिलावट सहित भाजपा प्रवक्ता एवं बीज निगम अध्यक्ष ने मुनिश्री से लिया आशीर्वाद

मुनिश्री ने गाजे-बाजे जे साथ डाबरा के लिए किया मंगल विहार

ग्वालियर, 24 अप्रैल। मप्र शासन राजकीय अतिथि मेडिटेशन गुरू मुनि श्री विहसंत सागर महाराज व मुनि श्री विश्वसूर्य सागर महाराज के दर्शनों के लिए भारत सरकार के केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रभारी मंत्री तुलसीदास सिलवट, बीज निगम के अध्यक्ष मुन्नालाला गोयल, भाजपा प्रवक्ता आशीष अग्रवाल, पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र चौधरी आदि ने रविवार को मुरार स्थित सीपी कॉलोनी दिगंबर जैन लाला मन्दिर के पास आर्यन संस्कार स्कूल में पहुंचे।
जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि भारत सरकार केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं प्रभारी मंत्री तुलसीदास सिलवट ने मुनिराजों के चरणों माथा टेकर श्रीफल भेंटकर मंगल आशीर्वाद लिया। मुनि श्री विहसंत सागर महाराज ने आतिथियों को दमोह जिले के पथरिया में होने वाले दिगंबर जैन विरागोदय तीर्थ महामहोत्सव जैन महाकुंभ 2023 के कार्यक्रम की पत्रिका देकर आमंत्रित किया।


केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि 423 संतों के दर्शन मिलन मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात है। जैन कुंभ में जो मेरे लिए कार्य होगा, वह मेरे लिए बड़े सौभग्य की बात होगी। बड़े पुण्य से संतो की वाणी व उनका समागम मिलता है। प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि देश व राष्ट्र संतों से चल रहा है। धर्म के इस पुण्य कार्य मे पूरा समर्पित रहूंगा। वहीं आतिथियों का सम्मान अनिल जैन, संजीव जैन, दिनेश जैन, राजेश जैन आदि ने माला, दुपट्टा उढ़ाकर व साफा पहनाकर किया।
मुनि श्री विहसंत सागर महाराज ने सीपी कॉलोनी दिगंबर लाला जैन मन्दिर में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि व्यक्ति के जीवन में धर्म की शुरुआत यानी धर्म का शुभारंभ बुराई को भूलना सीखने से होगी। धर्म के निकट आना है या जाना है तो हर प्रकार के बुरेपन को भुलाएं यानी बुराइयां त्यागें, तभी हम धर्मात्मा बन सकते हैं। भगवान महावीर ने बोधि के अनेक सूत्र दिए हैं। यह उन्हीं के लिए लागू होता है जो उनकी कक्षा को ज्वाइन करना चाहता है। भगवान महावीर का विद्यार्थी बनना बहुत बड़ा सौभाग्य है। जैन होने का मतलब भगवान महावीर का विद्यार्थी बनना है। जिंदगी की जितनी भी विपरीत परिस्थितियां व्यक्ति की परीक्षा की घडिय़ां ही होती हैं। सुख अमीर-गरीब शिक्षित-अशिक्षित यानी सभी को चाहिए। साथ ही सुख हमेशा 12 माह, 24 घण्टे चाहिए, सुखी को सभी पसंद भी करते हैं।
मुनिश्री ने कहा कि अनेक प्रकार की सावधानियां रखने के बावजूद व्यक्ति बीमार क्यों पड़ता है, यह सब कर्म सत्ता का खेल है। नसीब, कर्म सत्ता जब आप के पक्ष में रहेंगे, तो दुनिया के धनी व्यक्ति आप ही होंगे। कर्म को न्यायाधीश, व्यक्ति को कैदी तथा जेलर को सुख और दुख देने वाला बताते हुए उन्होंने कहा कि व्यक्ति के लिए यह कोई भी यानी उसका परिजन या मित्र हो सकता है यानी आपकी जिंदगी से कोई भी जुड़ा है वह नसीब की वजह से सुख अथवा दुख दे सकता है। व्यक्ति को बुरा करने की इजाजत कोई और या किसी से नहीं वह स्वयं से ही मिलती है। मुनिराजों ने रविवार की शाम को सीपी कालोनी मुरार दिगंबर लाला जैन मन्दिर से डाबरा के लिए गाजेबाजे के साथ मंगल पदा विहार किया।