अनाधिकृत पंजीयन को रोकने हेतु, किसानों के उपार्जन के लिए आधार सत्यापन को गंभीरता पूर्वक करें : कलेक्टर

भिण्ड, 23 मार्च। कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने आदेश जारी कर अनाधिकृत पंजीयन को रोकने के लिए निम्न बिन्दुओं पर सत्यापन की कार्रवाई किए जाने के निर्देश जारी किए हैं। जिनमें पंजीकृत किसान के आधार डाटावेश में दर्ज नाम एवं खसरा अभिलेख में दर्ज नाम व्यापक अंतर होने पर, तीन से पांच मार्च एवं आठ से 10 मार्च की अवधि में हुए पंजीयन, सिकमी/ बटाईदार, मन्दिर ट्रस्ट के संबंध में हुए पंजीयन एवं 11 हैक्टर से अधिक पंजीकृत रकवे का कृषि भूमि सीमा अधिनियम के तहत सत्यापन का कड़ाई से पालन किया जाना सुनिश्चित करें।
विदित हो कि रबी विपणन वर्ष 2022-23 समर्थन मूल्य पर केवल वास्तविक किसानों से गेहूं के उपार्जन के लिए आधार सत्यापन (बायोमेट्रिक सत्यापन/ ओटीपी) के आधार पर पंजीयन की व्यवस्था की गई है, कतिपय कृषकों के खसरे आधार से लिंक न होने की वजह से समिति स्तर पर कृषकों के खसरे पंजीयन में जोड़े जाने की विशेष सुविधा भी दी गई है। तथापि केवल पंजीयन कृषक के नाम से उसके भूमि स्वामित्व के वास्तविक खसरे/ रकबे ही लिंक होना चाहिए। एक जिले में कलेक्टर द्वारा पंजीयन किसानों के सत्यापन में यह पाया गया है किसी ट्रस्ट की भूमि पर सेवा सहकारी समिति और कर्मचारियों के साथ मिलकर कुछ बाहरी व्यक्तियों ने पंजीयन कर लिया। जांच में पंजीयन के समय समुचित दस्तावेज भी प्रस्तुत करना नहीं पाया गया। इस प्रकार सहकारी समिति द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्रों पर अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा अन्य व्यक्तियों के स्वामित्व/ मन्दिर ट्रस्ट भूमि का पंजीयन भूमि स्वामी की सहमति के बगैर सोसाइटी के कर्मचारियों के साथ मिली भगत कर करा लिया गया। अतएव यह आवश्यक है कि भूमि स्वामी/ ट्रस्ट/ मन्दिर आदि द्वारा धारित भूमि पर अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा समितियों से साठ-गांठ कर कराए गए पंजीयन की सूक्ष्म जांच की जाए। अनियमितता पाए जाने पर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए और असत्यापित रकबे को पंजीयन में से कम किया जाए। पंजीयनकर्ता किसान और खसरा अभिलेख दर्ज भूमि स्वामी के नामो में अंतर की जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई है। नामों में अंतर की प्रथम जांच संचालनालय स्तर पर करा ली गई है। अब पोर्टल पर केवल वही नाम, जांच एवं सत्यापन हेतु उपलब्ध कराए गए हैं, जिनमें प्रथम दृष्टया कोई भी समानता प्रदर्शित नहीं हो रही है।