भाविप द्वारा महिला दिवस पर ‘भारतीय महिलाओं के चुनौतियां’ विषय पर संगोष्ठी आयोजित
भिण्ड, 09 मार्च। भारत विकास परिषद महिला शाखा जागृति द्वारा महिला दिवस के अवसर पर ‘भारतीय महिलाओं के लिए चुनौतियां’ विषय पर वैचारिक मंथन का वृहद आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में अनिल शर्मा मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रवण पाठक ने की। इसके अलावा शाखा संरक्षक डॉ. उमा शर्मा, प्रकल्प संयोजिका डॉ. ज्योति परिहार, शाखा अध्यक्ष डॉ. आभा जैन एवं कोषाध्यक्ष अरुणा पाठक मंचासीन रहीं।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता शैलेश नारायण सिंह कुशवाह ने मातृशक्ति को आगे लाने के लिए एवं उनके मन से शंकाएं दूर करने के लिए परिषद द्वारा किए जा रहे इस प्रकार के वैचारिक मंथन, संगोष्ठी और चौपाल चर्चा को एक प्रमुख हथियार बताया। स्त्री सर्जन का प्रतीक है जो न सिर्फ व्यक्ति को व्यक्ति से बल्कि सृष्टि को भी व्यक्ति से जोडऩे का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि जहां चुनौतियां हैं वही विजयश्री भी है। आने वाले समय में भारतीय महिलाएं ही विश्व का मार्ग प्रशस्त करेगी।
मुख्य अतिथि की आसंदी से अनिल शर्मा ने भारत विकास परिषद की महिला शाखा द्वारा किए जा रहे इस तरह के कार्यक्रमों की तारीफ की। कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय स्वरूप विद्या निकेतन के सभागार में किया गया कार्यक्रम का विधिवत प्रारंभ भारत माता एवं स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया। बेटी साक्षी पाठक द्वारा राष्ट्र की जय चेतना का नाम वंदे मातरम गीत की प्रस्तुति दी गई। प्रांतीय संयोजक श्रवण पाठक ने परिषद के विभिन्न कार्य योजना एवं परिषद के पांच सूत्रों की व्याख्या की और महिला शाखा द्वारा किए जा रहे संस्कृति सप्ताह एवं छात्र अभिनंदन की सराहना की। कार्यक्रम के प्रथम चरण में भारत विकास परिषद की बहनों ने उक्त विषय पर अपने विचार रखे। जिनका समाधान बाहर से आमंत्रित वक्ताओं ने अपने अनुभव और अध्ययन के आधार पर दिए।
परिषद की ओर से विषय का प्रवर्तन शाखा संरक्षक डॉ. उमा शर्मा के द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि महिला अपने क्षेत्र में सर्वोत्तम कार्य कर रही है। स्वास्थ्य संयोजिका डॉ. ज्योति परिहार ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि स्वस्थ शरीर ही हमें सही दिशा में कार्य करने की प्रेरणा देता है उन्होंने इस संदर्भ में कुछ आवश्यक जानकारियां भी साझा की। इसके पश्चात परिषद की निशा भारद्वाज, रेखा अग्रवाल, सुषमा जैन, ऊषा नगरिया, रेखा अग्रवाल, डॉ साकार तिवारी, नितिन दीक्षित, संतोष यादव ने अपने विचारों में विभिन्न चुनौतियां एवं समस्याओं का जिक्र किया। इसी तारतम्य में वक्ता के तौर पर पधारे रामकुमार पांडे ने वेद एवं रामायण का उदाहरण देते हुए इन जिज्ञासाओं का समाधान किया। डॉ. सुनील त्रिपाठी निराला ने कहा कि जिस प्रकार कोमल पुष्पों की रक्षा सदैव काटे करते हैं, उसी प्रकार कोमल स्त्री की रक्षा के लिए पुरुष सदैव से ही आगे रहे हैं। कार्यक्रम के दूसरे चरण में भिण्ड में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर रही महिलाओं को शॉल, शील्ड एवं श्रीफल से सम्मानित किया गया।
यह महिलाएं हुई सम्मानित
धर्म एवं संस्कृति क्षेत्र में श्रीमती मधु दीक्षित, व्यापार एवं वाणिज्य में भाईजी ऑफसेट प्रेस की प्रोपराइटर श्रीमती मालती गुप्ता, शिक्षा क्षेत्र में श्रीमती रजनी चौहान, स्वास्थ्य सेवा में स्टाफ नर्स मनीषा पटेल, साहित्य सृजन में श्रीमती सुषमा रानी श्रीवास्तव को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न महिलाओं ने अपने प्रश्न भी पूछे एवं जिनका समाधान वक्ताओं द्वारा किया गया। परिषद की ओर से पुष्पा तिवारी, अन्नपूर्णा शर्मा, रमन मित्तल, निशा भारद्वाज, दिव्या शिवहरे, सोनाली अग्रवाल, गीता दीक्षित, मनु शिवहरे, मीनाक्षी यादव, रिचा तिवारी, सुनीता सोनी, प्रियंका दिक्षित, मनोज दीक्षित ने उपस्थित रहते हुए विभिन्न प्रश्न पूछे। कार्यक्रम का संचालन रत्ना कुशवाह एवं अतिथियों का आभार कोषाध्यक्ष अरुणा पाठक ने किया।
फोटो 09 बीएचडी-01, 02