भिण्ड, 08 मार्च। गोहद क्षेत्र के चिल्लासन देवी मन्दिर प्रांगण में चल रही श्रीराम कथा के आठवें दिन पं. किशोर चन्द्र रामायणी ने कहा कि आज के समय में भगवान श्रीराम के चरित्र का चित्रण एल्बम है चित्रकूट धाम। हमें चित्रकूट धाम के दर्शन अवश्य करने चाहिए। वहां हमें भगवान प्रभु के चित्रण की एल्बम देखने को मिलेगी। सनातन धर्म में भगवान श्रीराम और माता सीता के चरित्र से हमें सीख लेनी चाहिए माता सीता का त्याग और उनके चित्र को अगर हमारी मां बहने आज देखें तो निश्चित ही उनका जीवन धन्य और सफल हो जाएगा।
कथा व्यास पं. किशोर चंद्र रामायणी ने कहा है कि आज अगर दांपत्य जीवन जीना सीखना है तो हमें भगवान श्रीराम और माता जानकी के दांपत्य जीवन से सीख लेना चाहिए। पालनकर्ता पति कहलाता है। पति को पतन के रास्ते से रोकने वाली पत्नी होती है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण भारत में केवल एक ही धर्म है, जहां नारी को देवी के रूप में माना जाता है। इस्लाम और ईसाई में तो बेबी और अन्य शब्दों का उपयोग किया जाता है, सनातन धर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं है और हमें सनातन धर्म के रीति-रिवाजों पर चलना चाहिए, तभी हमारा उद्धार है।
श्रीराम कथा में कथा परीक्षत बदन सिंह दद्दू पत्नी कमला देवी, पूर्वमंत्री भाजपा अजा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह आर्य, पूर्व मंडी अध्यक्ष मेहताब सिंह गुर्जर, भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह गुर्जर, महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष कृष्णकांता तोमर, सरदार गुलजार सिंह, निंदर सिंह, परमाल सिंह तोमर, राजकुमार सिंह तोमर, रामू तोमर, राजू सिकरवार, विकास जैन, प्रमोद कामत, अनिल भारद्वाज, बल्ली पंडित, केशव देसाई, कुलदीप गुर्जर, राजेन्द्र परिहार एवं बड़ी संख्या में कथा श्रवण करने आए हजारों भक्तगण मौजूद रहे।