माता के दर्शन मात्र से होते हैं संकट दूर
भिण्ड, 28 फरवरी। नगर दबोह के वार्ड क्र.15 में प्राचीन काल से ही अखिल भुवनेश्वरी माँ संकटा देवी का मन्दिर स्थापित है। जहां भक्तों को दर्शन मात्र से ही सारे संकट से छुटकारा मिल जाता है और सच्चे मन से जो भी भक्त मईया के दरबार में अपनी अर्जी लगाता है, माँ उनकी मनोकामना अवश्य पूरी करती हैं।
आस्था का केन्द्र प्राचीन संकटा देवी मईया का जन्मोत्सव हर वर्ष 28 फरवरी को मनाया जाता है। आज के दिन संकटा मैय्या की नवीन मूर्ती की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी, उसी वर्ष से मैय्या का जन्मोत्सव हर्षोल्लाश के साथ धूमधाम से मनाया जाता है। साथ ही माँ के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में माँ संकटा देवी मन्दिर प्रांगण में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा व रात्रिकालीन रामलीला का आयोजन 21 फरवरी से किया गया था। जिसमें अमृत की वर्षा आचार्य पं. रमाकांत व्यास द्वारा की गई। जिसके समापन पर वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ पण्डितों द्वारा विधिविधान से हवन पूजन किया गया। जिसमे माँ संकटा देवी कमेटी के सभी भक्तगणों ने हवन पूजन में शामिल होकर आहुतियां दीं। माँ के जन्मोत्सव के पावन दिन पर नगर के हजारों भक्तों ने देवी मैय्या के दिव्य दर्शन प्राप्त कर माँ के दरबार में मत्था टेका और विशाल भण्डार में प्रसादी ग्रहण की।
यहां बता दें कि माँ संकटा देवी मन्दिर प्रांगण में विगत 13-14 वर्षों से अखण्ड ज्योति व अखण्ड रामायण पाठ का आयोजन निरंतर चल रहा है। जिससे नगर में माता रानी की कृपा बरसती रहे। सोमवार को मन्दिर परिसर में विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों भक्तो ने प्रसादी ग्रहण की।