कलश यात्रा का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व : रामायणी

ग्राम भोनपुरा में श्रीराम कथा आज से, निकली कलश यात्रा

भिण्ड, 28 फरवरी। श्रीराम कथा बावन, बीसा, चौरासी एवं माता चिलालसन देवी न्यास भोनपुरा चंबल संभाग के सहयोग से मंगलवार को दोपहर 12 बजे से प्रारंभ होगी। सोमवार को मुरैना जिले के सिहोनिया से कथा स्थल मां चिल्लासन देवी मन्दिर तक दो किमी लंबी भव्य कलश यात्रा निकाली गई।
इस अवसर पर कथा व्यास पं. किशोरचंद्र जी रामायणी ने बताया कि कलश रिद्धि-सिद्धि का प्रतीक है, इसका हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि कलश हमारे जीवन के हर क्षण में काम आता है, जन्म के समय भी कलश स्थापना की जाती है और मरने के समय भी शरीर के साथ कलश विसर्जित किया जाता है। उन्होंने बताया कि कलश पर नारियल रखा जाता है, जो इस बात की शिक्षा देता है कि परिवार के मुखिया को ऊपर से सख्त और अंदर से मुलायम होना चाहिए। इससे जीवन की गाड़ी बेहतर चलती है। कलश के ऊपर रखी जाने वाली माला संदेश देती है कि जिस तरह फूल महकता है, उसी प्रकार मनुष्य का जीवन भी दूसरों को सुगंध देने वाला होना चाहिए।
कलश यात्रा मुरैना जिले के सिहोनिया ग्राम से चलकर आसन नदी होते हुए मां चिल्लासन देवी मन्दिर कथा स्थल पर समाप्त हुई। इस दौरान कलश यात्रा में हजारों की तादात माता बहनों ने कलश अपने सिर पर रखकर कलश यात्रा का पुण्य कमाया। कथा परीक्षित बदन सिंह तोमर दद्दू, उनकी पत्नी श्रीमती कमला देवी और भिण्ड, मुरैना, ग्वालियर आदि जिले से समाज के हजारों जागरुक लोगों ने धर्म के प्रचार-प्रसार में सम्मिलित होकर अहम भागीदारी की।

बावन, बीसा, चौरासी की हुई महापंचायत दी गई जिम्मेदारियां

भिण्ड जिले के अंतिम ग्राम भोनपुरा और मुरैना जिले के सोहोनिया से दो किमी दूर स्थित आसन नदी के किनारे मां चिल्लासन देवी मन्दिर पर मंगलवार से होने जा रही श्रीराम कथा के भव्य आयोजन और कार्यक्रम के दौरान जिम्मेदारियों का निर्वहन समाज के लोगों ने कलश यात्रा के बाद देर शाम को बैठक कर जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए लोगों को सामूहिक दिशा निर्देश दिए, सभी ने अपनी-अपनी जिम्मेदारियां निभाने का आश्वासन दिया।