खनेता भूमि सत्संग कथा शास्त्र भूमि हो चुकी है : मां कनकेश्वरी

त्याग तपस्या आराधना का केन्द्र खनेता धाम : रामभूषण दास

भिण्ड, 17 फरवरी। श्री रघुनाथ मन्दिर विजयराम धाम खनेता की यह तपोभूमि अब सही अर्थ में सत्संग कथा शास्त्र भूमि हो चुकी है, इस भूमि पर अगर नया कथावाचक भी कथा का वाचन करेगा तो निश्चित ही बहुत अच्छा होगा। इसका प्रमुख कारण है कि सदगुरु महाराज साकेतवासी विजयराम दास की नित्य प्रतिदिन इस स्थल पर उपस्थिति। यह बात मां कनकेश्वरी देवी ने कथा के अंतिम दिन रसपान कराते हुए कही।


उन्होंने कहा कि गुरु तत्व कभी कम नहीं होता सिर्फ शिष्य तत्व धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है, बहुत बड़े पत्थर से मूर्ति बन कर तैयार होती है, पत्थर नष्ट हो जाता है और मूर्ति बनकर तैयार होती है, पत्थर अपना स्वरूप खत्म कर देता है और मूर्ति में देव पन प्रारंभ हो जाता है, उसी तरह गुरु तत्व के संपर्क में आने पर शिष्य तत्व धीरे-धीरे खत्म होने लगता है। सद्गुरु का एक वाक्य कल्याण मंत्र सूत्र होता है, वह शब्द नहीं होता वह मंत्र होता है, गुरु वाणी का प्रभाव होता है, शिष्य के सभी विकार नष्ट हो जाते हैं, सिर्फ देवाक्य प्रबल होने लगता है, केवल शब्द से ही कायाकल्प हो जाता है, गुरु तत्व नित्य है शिष्य तत्व धीरे-धीरे नष्ट हो जाता है, गुरु परंपरा के लोगों को सत्संग की ललक रहती है, सद्गुरु के द्वारा दीक्षित मुक्ति सत्संग ही कराता है।
विजयराम धाम के महंत श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर श्री रामभूषण दास महाराज ने कथावाचक महामण्डलेश्वर मां कनकेश्वरी का धन्यवाद दिया और उन्होंने कहा कि यह तप स्थली सद्गुरु महाराज विजय रामदास की त्याग तपस्या आराधना का केन्द्र रही है, बड़े-बड़े संत महान आचार्यों का इस धरातल पर पदार्पण हुआ है, यहां की भूमि उनके पदार्पण से धन्य हुई है, माताश्री का आशीर्वाद स्नेह पूर्व की भांति निरंतर हम सभी पर बना रहे, वे निरंतर यहां आती रहे, अंतिम समय में उन्होंने प्रति वर्ष की भांति अगले वर्ष इसी माह में होने वाले आचार्य महासम्मेलन की घोषणा भी की और मां कनकेश्वरी को कार्यक्रम की अध्यक्षता करने के लिए भी आग्रह किया। आज की कथा में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की पत्नी सहित भारी संख्या में हजारों भक्त उपस्थित रहे।