जीवन जीने के तरीके सिखाती है श्रीराम कथा : सुश्री आरती

मां रणकौशला देवी के जन्मोत्सव की तैयारी संपन्न

भिण्ड, 13 फरवरी। दबोह नगर से लगभग दो किमी क दूर स्थित आदिशक्ति मां रणकौशला देवी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा के समापन पर रविवार को कथा वाचक मानस शिरोमणि सुश्री आरती जी ने कथा के अंतिम दिन राम-रावण युद्ध, लंका दहन, विभीषण का राज्याभिषेक सहित राजा राम के राज तिलक प्रसंग का भावपूर्ण वर्णन किया।


कथा वाचक सुश्री आरती ने कहा कि रामायण हमें जीवन जीने के तरीके सिखाती है, श्रीराम कथा का वर्णन करते हुए कहा कि दूसरों की संपत्ति चाहे कितनी भी मूल्यवान हो उस पर हमारा कोई अधिकार नहीं है। चौदह वर्ष वनवास पूर्ण करने के बाद भगवान श्रीराम जब वापस अयोध्या पहुंचे तो अयोध्यावासी खुशियों से झूम उठे। रामायण हमें आदर, सेवा-भाव, त्याग व बलिदान के साथ दूसरों की संपत्ति पर हमारा कोई अधिकार नहीं है, ऐसे बहुत से सभ्य गुण सिखाती है। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार भगवान श्रीराम ने दीन-दुखियों, वनवासियों आदिवासियों के कष्ट दूर करते हुए उन्हें संगठित करने का कार्य किया एवं उस संगठित शक्ति के द्वारा ही समाज में व्याप्त बुराईयों को दूर किया है, उसी प्रकार से हर राम भक्त का दायित्व है कि धर्म के अच्छे एवं पुनीत कार्यों में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए। तदुपरांत श्रीराम के राज्याभिषेक का वर्णन किया और बताया कि बुराई और असत्य ज्यादा समय तक नहीं चलता, अंतत: अच्छाई और सत्य की विजय होती है, अधर्म पर धर्म की जीत हमेशा होती आई है, श्रीराम के राज्याभिषेक के प्रसंग के दौरान पूरे पण्डाल में भक्तों द्वारा पुष्पों की वर्षा की गई।

सोमवार को धूमधाम से मनाया जाएगा माँ रणकौशला का जन्मोत्सव

श्रीराम कथा के समापन के साथ रविवार को माँ रणकौशला के जन्मोत्सव की तैयारियां पूर्ण कर ली गईं। सोमवार को माता का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। मन्दिर के पुजारी हलधर पंडा महाराज ने बताया कि सर्वप्रथम माता का अभिषेक कर महाआरती की जाएगी, तत्पश्चात माता को छप्पन प्रकार का भोग लगाया जाएगा। बता दें कि माता हर क्षेत्र में व्यक्ति का कौशल बढ़ाती है, खासकर जब व्यक्ति रण में हो तो माता के द्वारा उक्त व्यक्ति का कौशल अवश्य बढ़ाया जाता है, इसलिए माता को रणकौशला देवी के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस मन्दिर में आने से सभी इच्छाएं और मनोकामनाएं पूर्ण होती है। कल मां के जन्मोत्सव पर विशाल भण्डारे का भी आयोजन किया जाएगा।