हत्या कर साक्ष्य छुपाने के लिए लाश एवं मोटर साइकिल को फेंका गाटर वाली पुलिया पटरी के पास
ग्वालियर, 11 जनवरी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ग्वालियर श्री सुरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव के न्यायालय ने प्रकरण में कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य न होने के बाबजूद भी अभियोजन के तर्क एवम साक्ष्यों को प्रमाणित पाते हुए धारा 302 भादंवि में आरोपीगण बंटी माटे एवं परमानंद उर्फ छोटू को आजीवन कारावास एवं पांच-पांच हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है।
प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे जिला लोक अभियोजन अधिकारी प्रवीण दीक्षित ने घटना के बारे में बताया कि फरियादी सुरेन्द्र पटेल एवं उसका पुत्र भैरव सिंह पटेल ने 22 नवंबर 2016 को रात करीब दो बजे पुलिस थाना हजीरा में उपस्थित होकर सूचना दी कि उसका भतीजा बल्लू उर्फ राजकुमार 21 नवंबर 1016 को शाम छह बजे मौसा के घर गया था, जिसकी लाश मय मोटर साइकिल गडर वाली पुलिया के पास रेल की पटरी के किनारे पर पड़ी हुई है। उक्त सूचना पर से पुलिस थाना हजीरा में अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विवेचना में लिया। विवेचना दौरान साक्षियों के कथन एवं सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच में पाया गया कि मृतक बल्लू उर्फ राजकुमार पटेल को 21 नवंबर 2016 को शाम छह बजे बंटी माटे घर से बुलाकर ले गया था। उक्त आधार पर बंटी माटे को गिरफ्तार कर पूछताछ करने पर पता चला के बल्लू पटेल को उसके घर से मय मोटर साइकिल अपने साथ लेकर छोटे कुशवाह निवासी न्यू साकेत नगर उसके घर पर छोटू वह बल्लू पटेल ने शराब पी थी, उधारी को लेकर दोनों में गाली गलौज हुआ। नशा होने की वजह से अपने दोस्त छोटू कुशवाह के साथ मिलकर बल्लू पटेल को लात घुसों से मारपीट की व छत से पटक दिया। जिस पर बल्लू पटेल की मौत हो गई। साक्ष्य को छुपाने के लिए मोटर साइकिल एवं लाश को गार्डन वाली पुलिया के पास रोड के किनारे फेंक दिया। उक्त कथन के आधार पर न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर दोनों आरोपीगढ़ को सजा सुनाई।