– सुख से ऊपर की स्थिति है आनंद : जिला समन्वयक भदौरिया
– जन अभियान परिषद और आनंद विभाग के तत्वावधान में गोहद में अल्प विराम कार्यशाला आयोजित
भिण्ड, 28 अक्टूबर। आज भौतिक जीवन में हम सांसारिक वस्तुओं के प्रति आकर्षित हो रहे हैं, लेकिन इनमें आनंद नहीं यह सुख हो सकते हैं आनंद तो हमें निस्वार्थ सेवा में है, एक बार करके देखिए मन को आनंद मिलता है। यह बात जनपद सीईओ गोहद सुनीता शर्मा ने जनपद सभागार गोहद में मप्र जन अभियान परिषद और आनंद विभाग के तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय अल्प विराम कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक शिवप्रताप सिंह भदौरिया, आनंद विभाग के जिला संपर्क अधिकारी संजय पंकज, जन अभियान परिषद के गोहद के विकास खण्ड समन्वयक बृजेन्द्र शर्मा, मास्टर ट्रेनर प्रशांत भदौरिया, चन्द्रकांत बौहरे सहित समस्त विभागों के 60 अधिक कर्मचारी और अधिकारी मौजूद थे।
कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर जनपद सीईओ सुनीता शर्मा ने कहा आज की इस कार्यशाला में आकर अभिभूत हूं, आनंद विषय बहुत वृहद है और इसे मेरी समझ के अनुसार कुछ घण्टों में नहीं समझा जा सकता है, आनंद को प्राप्त करने के लिए कई बार जीवन खप जाता है, कई बार शुरुआती दौर में ही हम आनंद को प्राप्त कर लेते हैं। यह गतिशील प्रक्रिया है निरंतर रहने वाली दशा है। इसलिए आनंद की चिरस्थाई बनाने के लिए निरंतर हमें निस्वार्थ सेवा करते रहना चाहिए। ऐसी कार्य शालाएं होती रहनी चाहिए।
जिला समन्वयक शिवप्रताप सिंह ने कहा कि आनंद शाश्वत है और यह हमारे अंदर ही है, यह इनबिल्ट है बस इसे हमें समझना होगा। कभी कभी हम छोटे से छोटे सकारात्मक कार्यकलापों को करने में जो अनुभव करते हैं बस वही अवस्था आनंद की है। सीईओ मैडम ने आनंद को विस्तृत रूप से परिभाषित किया है आशा है आपको प्रेरणा मिलती रहेगी। जिला संपर्क अधिकारी संजय पंकज ने स्वागत गतिविधि, भोजन अवकाश के बाद गतिविधि कराई।
प्रतिभागी अनमोल शर्मा ने कहा कि अल्पविराम आनंद तक ले जाने का जरिया है, सही मायने में आनंद के लिए आपको ही जतन करना होगा। शारीरिक क्षमता के साथ-साथ मानसिक क्षमता पर भी कार्य करने की आवश्यकता है, जो इस कार्यशाला से हम स्वयं में देख सकते हैं, जांच सकते हैं, सभी अधिकारी एवं कर्मचारीगण अपने उत्तरदायित्व को सकारात्मक भाव से करें। उन्होंने कहानी के माध्यम से आनंद को परिभाषित किया।
मास्टर ट्रेनर प्रशांत सिंह और चन्द्रकांत बौहरे ने कहा कि आनंद कब बढ़ता है और कब घटता है। जीवन में आनंद कब बढ़ता है और कब घटता है। चन्द्रकांत बौहरे ने अपने सत्र में जीवन का लेखा जोखा (लाइफ बैलेंस शीट) के बारे में बताया कि उन्होंने कब कब किस किसकी नि:स्वार्थ मदद की है और किन किन ने उनकी नि:स्वार्थ मदद की है। भोजनोपरांत तृतीय सत्र में मास्टर ट्रेनर चंद्रकांत बौहरे और प्रशांत भदौरिया ने सत्र चिंता का दायरा और प्रभाव का दायरा के माध्यम से प्रतिभागियों को चिंता के दायरे से बाहर निकाला तथा रिश्ते (रिलेशनशिप) के द्वारा रिश्तों प्रगाढ़ता और दरार लाने बाले कारकों से परिचित कराया। प्रशांत भदौरिया ने स्वयं से स्वयं की मुलाकात संपर्क सुधार के बारे में बताया।
विकास खण्ड समन्वयक गोहद बृजेन्द्र शर्मा ने प्रतिभागी के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यदि हम स्वयं से स्वयं के संपर्क सुधार की प्रक्रिया प्रारंभ होती है जो हमें सुमार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों ने अपने अनुभव एवं फीडबैक शेयर किया तथा प्रमाण पत्र वितरण किया गए। अल्पविराम कार्यशाला में विकास खण्ड के महिला बाल विकास विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग, राजस्व विभाग, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग खेल एवं युवक कल्याण विभाग सहित अन्य विभाग के 60 अधिकारी/ कर्मचारी ने सहभागिता की। कार्यक्रम का संचालन और आभार विकास खण्ड समन्वयक गोहद बृजेन्द्र शर्मा ने किया।







