विजयदशमी पर राजसी श्रंगार से सजे वनखण्डेश्वर महादेव

शहर में निकला भव्य चल समारोह, स्टेडियम में हुआ रावण का दहन

भिण्ड, 02 अक्टूबर। विजयादशमी के अवसर पर वनखण्डेश्वर महादेव स्थित भगवान भोलेनाथ रत्न जड़ित मुकुट से राजसी श्रंगार किया। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा वनखण्डेश्वर के दर्शन किए। वहीं शहर के अन्य मन्दिरों में भी भक्तों का तांता लगा रहा। वहीं लोगों ने अपने-अपने प्रतिष्ठानों, वाहनों, शस्त्रों, मशीनों का पूजन भी किया। इस अवसर पर लोगों एक-दूसरे को विजयादशमी की बधाईयां दीं तथा सोशल मीडिया पर भी दिनभर बधाईयों का तांता लगा रहा।

आतिशबाजी के साथ हुआ रावण का हुआ दहन, लोगों ने लगाए श्रीराम के जयकारे
विजयादशमी के अवसर पर शहर में भव्य चल समारोह निकाला गया। जो शहर के विभिन्न मार्गों से होता हुआ एमजेएस ग्राउण्ड स्टेडियम परिसर में पहुंचा। शाम को शहर के राजीव गांधी स्टेडियम में भी रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया गया। यहां पर नगर पालिका द्वारा रामलीला का मंचन कराया गया। इस बार बनाए गए पुतले भी लोगों के आकर्षण का केन्द्र रहे। करीब दो लाख रुपए की लागत से बने रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का निर्माण उत्तर प्रदेश के इकदिल निवासी इकराम राइन और भिण्ड के सनी चौहान व दीपक ने किया। इन पुतलों को लोहे के एंगल से मजबूती दी गई थी, ताकि वे सुरक्षित खड़े रह सकें।
लहार, मेहगांव, गोहद और गोरमी में हुआ पुतला दहन
जिले में विजयादशमी पर्व पर माहौल जयकारों और आतिशबाजियों से गूंज उठा। जिलेभर में दशहरे की धूम रही, लेकिन सबसे बड़ा और आकर्षक आयोजन लहार कस्बे के ऐतिहासिक भाटन ताल मैदान पर हुआ। यहां हजारों की भीड़ भगवान श्रीराम की लीला और रावण दहन के साक्षी बनी। लहार की करीब 400 साल पुरानी रामलीला परंपरा इस बार भी उसी भव्यता के साथ जीवंत हुई। रामलीला मैदान पर मंचन के बाद आज की लीला का मंचन भाटन ताल मैदान पर किया गया। भगवान राम ने तीर चला कर रावण को मारा इसके बाद ही आज कौन ने रावण के पुतले में आग लगा दी। रावण विशाल पुतल का दहन किया गया। मंचन के दौरान जब भगवान राम ने रावण पर विजय पाई, तो पूरा मैदान “जय श्रीराम” के नारों से गूंज उठा।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे लहार विधायक अम्बरीश शर्मा गुड्डू ने कहा कि दशहरा हमें यह संदेश देता है कि चाहे बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंतत: सत्य और धर्म की ही विजय होती है। उन्होंने आयोजकों और कलाकारों की सराहना करते हुए इसे जिले की गौरवशाली परंपरा बताया। जैसे ही शाम ढली और रावण दहन का समय आया, पूरा मैदान उत्साह से सराबोर हो उठा। अग्नि की लपटों और आतिशबाजियों की गूंज ने आसमान को रोशनी से रंग दिया। लोग जय श्रीराम और सत्य की जीत के नारों के बीच बुराई के अंत के इस पर्व के साक्षी बने। करीब एक घंटे तक चली आतिशबाजी ने माहौल को और भी रोमांचक बना दिया। लहार ही नहीं, बल्कि मेहगांव, गोहद और गोरमी कस्बों में भी दशहरे पर रावण दहन हुआ। हर जगह भक्तों का उत्साह देखने लायक था। जिलेभर में विजयादशमी का पर्व असत्य पर सत्य की जीत और अधर्म पर धर्म की विजय का संदेश देकर श्रद्धा और उमंग के साथ संपन्न हुआ।