अभियोक्त्री के साथ शारीरिक संबंध बनाने वाले आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारवास

ग्वालियर, 01 जनवरी। विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) तरुण सिंह के न्यायालय ने अभियोक्त्री के साथ शारीरिक संबंध बनाने वाले आरोपी हरदीप सिंह ढिल्लो को धारा 366 भादंसं के अधीन चार वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड तथा धारा 3/4 पॉक्सो अधिनियम 2012 के अधीन 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।
प्रकरण की पैरवी करने वाले सहायक जिला अभियोजन अधिकारी आशीष कुमार राठौर एवं नैंसी गोयल ने घटना के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि 29 अक्टूबर 2020 को अभियोक्त्री घर से कोचिंग के लिए बोलकर गई थी और घर वापस नहीं आई, तब उसके पिता ने संदेही हरदीप द्वारा अभियोक्त्री को बहला-फुसलाकर लेकर जाने की प्रथम सूचना रिपोर्ट थाना जनकगंज में लेख कराई, जो थाना जनकगंज के अपराध क्र.865/2020 अंतर्गत धारा 363 भादंसं के अधीन पंजीबद्ध की गई। विवेचना के दौरान घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया। अभियोक्त्री के माता-पिता के कथन लेखबद्ध किए गए। एक मार्च 2021 को डबरा सिटी ग्वालियर स्थित गुरुद्वारे से अभियोक्त्री को दस्तयाब किया गया। उसके धारा-161 दंप्रसं के कथन एवं धारा-164 दंप्रसं के कथन लेखबद्ध किए गए। अभियोक्त्री के अभियुक्त हरदीप से मित्रवत संबंध थे और वह हरदीप से विवाह करना चाहती थी, जिस कारण नौ अक्टूबर 2020 को वह हरदीप के साथ आगरा चली गई, जहां वह होटल में रुके और उसके पश्चात आगरा में उन्होंने एक किराये का कमरा ले लिया जिसमें वह माह जनवरी तक रहे। कुछ समय तक उसके व अभियुक्त के मध्य शारीरिक संबंध नहीं बने। वहां से वह दोनों कोलारस शिवपुरी आ गए जहां पर उन्होंने अपना आधार कार्ड दिखाकर विवाह किया। उनके पास रुकने की जगह नहीं थी, जिससे वह हरदीप के रिश्तेदार के यहां ग्राम सतनबाडा में रहने लगे और वहां पर वह दोनों तीन-चार दिन रहे और इस दौरान उसके व हरदीप के शारीरिक संबंध स्थापित हुए। उक्त आवेदन पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। संपूर्ण उपरांत अभियोजन पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण को सजा सुनाई है।