बाल भिक्षावृत्ति अभिशाप है, के नारों के साथ निकली जागरूकता रैली

-अपर कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी ने हरी झंडी दिखाकर रैली को किया रवाना

भिण्ड, 10 अक्टूबर। शक्ति अभिनंदन अभियान एवं मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति के उपघटक बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के तहत जिला अंतर्गत बाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन हेतु रैली का आयोजन किया गया। रैली को रैली को अपर कलेक्टर एलके पाण्डेय एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय कुमार जैन द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
शासन निर्देशानुसार जिला भिण्ड अंतर्गत 11 से 31 अक्टूबर तक संपूर्ण जिले में बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम अभियान चलाया जाएगा। अपर कलेक्टर एलके पाण्डेय ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि बाल भिक्षावृत्ति समाज के लिए अभिशाप है, ऐसे सभी बच्चे जो किन्हीं सामाजिक, आर्थिक अथवा अन्य किन्हीं परिस्थितियों के कारण बाल भिक्षावृत्ति में लिप्त हैं। उक्त अभियान का उद्देश्य है कि उन बच्चों को चिन्हांकन करना एवं उसके उपरांत उन बच्चों को संरक्षण हेतु आवश्यकता अनुसार बाल गृह, शिशु गृह में प्रवेश दिलाना अथवा उनकी आर्थिक सहायता हेतु स्पॉन्सरशिप और बाल आशीर्वाद योजना के तहत उनके प्रकरण स्वीकृत किए जा सकते हैं। ऐसे बच्चे जब समाज की मुख्य धारा से जुडेंगे तो निश्चित ही उनके जीवन में सुधार आएगा और भविष्य में एक अच्छे नागरिक के तौर पर उभर कर आएंगे। उनके द्वारा अवगत कराया गया की भले ही हम आज विकसित समाज की ओर अग्रसर हो रहे हैं किन्तु फिर भी हमें विभिन्न मन्दिरों पर, सार्वजनिक स्थानों पर, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन पर आज भी कहीं ना कहीं बाल भिक्षावृत्ति में लिफ्ट बच्चे दिखाई देते हैं जो कहीं ना कहीं हमारी प्रगति पर प्रश्न चिन्ह लगाता है अत: यह अभियान सतत चलते रहना चाहिए और जहां भी ऐसे बच्चे मिलते हैं तत्काल जिला बाल संरक्षण अधिकारी की टीम उनको संरक्षण में ले।
जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय जैन ने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75, 76, 77 में बालकों के प्रति क्रूरता को गंभीर अपराध माना गया है और बाल भिक्षावृत्ति भी बालकों के प्रति क्रूरता जैसा ही है। अत: ऐसे सभी व्यक्ति जो बालकों से बाल भिक्षावृत्ति कराते हैं अथवा उन्हें नियोजित करते हैं ऐसे व्यक्तियों पर अधिनियम के प्रावधानों के तहत अपराध पंजीकृत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस अभियान का प्रमुख उद्देश्य समाज में एक जन जागरूकता लाना है कि कोई भी व्यक्ति जान बूझकर अथवा पीडित व्यक्ति से बाल भिक्षावृत्ति नहीं करवाएं, ना ही बाल भिक्षावृत्ति को प्रोत्साहन दें।
बाल संरक्षण अधिकारी अजय सक्सेना ने कहा कि ऐसे बच्चों के लिए विभाग द्वारा संस्थागत और गैर संस्थागत संरक्षण की सेवाएं उपलब्ध हंै उनकी आवश्यकता अनुसार उन्हें बालगृह, शिशु ग्रह में प्रवेश दिलाया जा सकता है अथवा स्पॉन्सरशिप या मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के तहत पात्रता अनुसार उनको लाभान्वित कराया जा सकता है। कार्यक्रम में महिला बाल विकास विभाग से सामाजिक कार्यकर्ता संजय मिश्रा, लेखपाल आनंद मिश्रा, आउटरीच कार्यकर्ता दीपेन्द्र शर्मा, अनिरुद्ध शर्मा, भिण्ड शहरी और ग्रामीण के पर्यवेक्षक उपस्थित रहे।