-कलेक्टर ने उपस्थित जनों को दिलाई नशा न करने की शपथ
भिण्ड, 10 अक्टूबर। सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान अंतर्गत मद्यनिषेध सप्ताह का समापन कार्यक्रम कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव की अध्यक्षता में जिला कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुआ।
उत्कृष्ट विद्यालय भिण्ड के धीरज गुर्जर ने सभी मास्टर ट्रेनर एवं प्रतिभागियों की जानकारी एवं उनके द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्य समाज में भागीदारी एवं जागरूकता को कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया गया। उन्होंने बताया कि शासकीय एवं अशासकीय विद्यालय के छात्रों एवं सामाजिक संस्थाओं नशा मुक्त भारत अभियान के वॉलिंटियरों द्वारा दो अक्टूबर से आठ अक्टूबर तक मध्य निषेध सप्ताह के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर जिन वॉलिंटियरों एवं छात्र एवं छात्राओं ने नशा मुक्त भारत अभियान में चित्रकला प्रतियोगिता निबंध प्रतियोगिता वाद विवाद प्रतियोगिता एवं नुक्कड नाटक व अन्य गतिविधियां चलाकर विद्यालयों, स्लम एरिया ग्रामों एवं तहसील स्तर पर गतिविधियां कराई गई, उन सभी को कलेक्टर द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इस अवसर पर कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव द्वारा सभी उपस्थितजनों को नशा मुक्ति की शपथ दिलाई गई।
कार्यक्रम का आयोजन उपसंचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग भिण्ड दिनेश शाक्य एवं नशांबदी विभागीय मान्यता प्राप्त संस्था चौ. रूपनरायण समाज कल्याण एवं सुधार समिति के सचिव सुनील दुबे के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम का संचालन जनअभियान परिषद भिण्ड के जिला समन्वयक शिवप्रताप सिंह भदौरिया किया। अंत में आभार प्रदर्शन सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग के प्रभारी उप संचालक दिनेश शाक्य ने किया।
नशामुक्ति केन्द्र में भर्ती करने का प्रावधान
इस मौके पर समाजसेवी संस्था अहिंसा महिला बाल कल्याण समिति के सचिव दीपेश श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी संस्था कई वर्षों से नशा मुक्ति के कार्यक्रमों का आयोजन कर नगरीय एवं ग्रामीण स्तर पर जाकर लोगों को जागरूक कर रही है और नशे से पीडित लोगों के लिए नशा मुक्ति केन्द्र में भर्ती करने का प्रावधान किया गया है। जिसमें नशे से पीडित व्यक्ति की काउंसलिंग एवं मेडिकल चेकअप वी भर्ती करने की सुविधा उपलब्ध की गई है।
इनकी रही मौजूदगी
कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारी मनीष सिंह कुशवाह, विकाश सिंह, सोमेन्द्र सिंह, पंचम सिंह, बृजराज गुर्जर, नरेश तोमर, प्रमुख कलाकार सुबोध श्रीवास्तव, गंगाराम, राघवेन्द्र आदि उपस्थित हुए।