लोकतंत्र संविधान भाईचारा बचाने से देश होगा मजबूत : गोस्वामी

मप्र किसान सभा, खेत मजदूर यूनियन द्वारा संगोष्ठी आयोजित

भिण्ड, 08 जनवरी। भारतीय संस्कृति विभिन्नताओं में एकता को बनाए रखना है, तो लोकतंत्र संविधान भाईचारा को बचाकर रखना होगा। यह दिखने में अलग-अलग हैं, लेकिन तीनों में से किसी एक को खतरा है तो दो अन्य स्वत: समाप्त हो जाएंगे। लोकतंत्र में ही संविधान हैं, संविधान सुरक्षित है तभी तक भाईचारा कायम रहेगा। यह बात रविवार को ब्रज विहारी बाटिका मालनपुर में मप्र किसान सभा, खेत मजदूर यूनियन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ‘लोकतंत्र संविधान और भाईचारा बचाओ’ विषय पर संगोष्ठी मुख्य वक्ता सीटू राज्य अध्यक्ष रामविलास गोस्वामी ने कही। संगोष्ठी में प्रो. जितेन्द्र विसारिया, सीटू के जिला उपाध्यक्ष देवेन्द्र कुमार शर्मा एवं मण्डल अध्यक्ष भी उपस्थित रहे। संचालन विद्यालयीन शिक्षक संघ के संभागीय अध्यक्ष पुरषोतम श्रीवास ने किया।
मुख्य वक्ता रामविलास गोस्वामी ने कहा कि लोकतंत्र खतरे में है, लोकतंत्र बच गया तो संविधान व भाईचारा भी बच जाएगा, तीनों विषय एक-दूसरे के पूरक हैं। भाईचारे को बर्बाद करते हुए जिस तरह से द्रोणाचार्य को प्रसन्न करने के लिए शंख बजाया गया था उसी तरह से धर्म-जाति, पाकिस्तान के नाम पर भाईचारे को बर्बाद करने के लिए ढिंढोरा पीटा जा रहा है, जो सरकार चुनकर आएंगी सबके लिए काम करेंगी, लेकिन बडे-बडे उद्योग पतियों के लिए काम किया जा रहा है, देश आजाद हुआ तब के नवरत्न बेचें जा रहे हैं और ध्यान बंटाने के लिए धर्म का, राम मन्दिर का, पाकिस्तान के नाम का शंख बजा दिया जाता है। 44 श्रम कानून खत्म कर चार लेबर कोड बना दिए, वह सब कुछ अडानी अंबानी को सौंप देना चाहते हैं। इसलिए संघर्ष तेज करने होंगे। किसान कृषि कानून को लडकर ही बचा पाए, 700 किसान शहीद हो गए, लेकिन बॉर्डर नहीं छोडा, गाय के बीफ निर्यात में भारत एक नंबर पर बीफ कंपनी चलाने वाले हिन्दू हैं, यह सब कहोगे तो हिन्दू धर्म खतरे में पड जाएगा, पाकिस्तान और हिन्दुस्तान दोनों एक साथ आजाद हुए और दोनों ने धर्मनिरपेक्षता अपनाई, पाकिस्तान ने धर्मनिरपेक्षता छोड दी और धर्म के आधार पर देश चलाने लगे तो बर्बाद हो गए, इसी तरह धर्म के नाम श्रीलंका बर्बाद हो गया, इसलिए संविधान खतरे में है।
संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे प्रो. जितेन्द्र कुमार विसारिया ने कहा कि लोकतंत्र, संविधान और भाईचारा एक-दूसरे के पूरक हैं, भारत में अनेक प्रकार की भाषाएं बोली जाती हैं, नाना प्रकार के भोजन खाए जाते हैं, फसलों के उत्पादन में भिन्नताएं हैं, लोगों के त्योहार अलग-अलग है, लेकिन भरत की विभिन्नताओं को एकजुट करने का कार्य करता है लोकतंत्र, जिसमें सभी के मत का एक समान मूल्य है, जो भारतीय संविधान जनता को प्रजातंत्र में प्रदान करता है और भाईचारा को मजबूत बनाता है।
मप्र किसान सभा के जिला महासचिव राजेश शर्मा, आंगनबाडी कार्यकर्ता सहायिका एकता यूनियन सीटू की जिला संयोजक साधना भदौरिया, खेत मजदूर यूनियन के जिला संयोजक नरेन्द्र सिंह सेंगर, डीबाईएफआई के राज्य महासचिव भूपेन्द्र सिंह गुर्जर, प्राईवेट डॉक्टर एसोसिएशन के डॉ. नदीम खान, ओमप्रकाश बाथम, सीटू जिला महासचिव अनिल दौनेरिया ने अपने विचार रखते हुए कहा यदि एक जाति, एक धर्म का नारा कुछ लोगों द्वारा उस देश में दिया जाएगा जो विभिन्नताओं वाला देश है, जिससे भाईचारा खतरे में है, आज लोगों के अन्दर डर है, यही डर लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है, क्योंकि लोग अपनी बात प्रकट करने में डर महसूस कर रहे हैं, संविधान के मौलिक अधिकारों का हनन होने से संविधान खतरे में है, इसलिए जनता के दिलों से डर निकालकर भाईचारा मजबूत करो, जिससे लोकतंत्र और संविधान सुरक्षित होंगे।
अंत में देवेन्द्र शर्मा ने आभार प्रकट करते हुए कहा कि भिण्ड जिले में इस गंभीर विषयों पर और अधिक व्याख्यान मालाओं की जरूरत है, जनता का विश्वाश हांसिल करने के लिए जनता से संवाद करना होगा, तभी डर को भगा सकते हैं। कार्यक्रम में सुशील फौजी, विनोद सुमन, मुन्नालाल बाथम, ऊषा त्यागी, उदय सिंह श्रीवास, रामचंद्र सिंह भदौरिया, अशोक शर्मा, चोखेलाल, भगत सिंह भदौरिया, बंटू सोनी, विद्यासागर शर्मा, मनोज पुरोहित सहित सैकडों लोग मौजूर रहे।