सागर, 23 दिसम्बर। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश देवरी, जिला-सागर की अदालत ने नाबालिगा के साथ छेडखानी करने वाले अभियुक्त अन्नू आदिवासी को दोषी करार देते हुए धारा 452 भादंवि के तहत दो वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए अर्थदण्ड तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 9एम/10 में पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उपसंचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती वंृदा चौहान ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता (पीडिता) ने थाना केसली में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि चार अगस्त 2020 की शाम को उसके माता-पिता गौशाला में गाय बांधने गए थे तथा पीडिता घर पर अकेली होकर सब्जी बना रही थी, तभी अभियुक्त अचानक उसके घर के अंदर घुस आया और उसने बुरी नीयत से पीडिता का दाहिना हाथ पकड कर उसे अपनी ओर खींच कर उसके साथ छेडखानी करने लगा। जिससे पीडिता का दाहिना हाथ कलाई के पास छिल गया, तब पीडिता चिल्लाते हुए अपने घर से गौशाला तरफ भागी और अभियुक्त उसके घर से भाग गया, जिसके पश्चात पीडिता ने गौशाला पहुंचकर घटना के बारे में अपने माता-पिता को बताया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना केसली पुलिस ने धारा 452, 354(ख) भादंसं, धारा 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश देवरी, जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।