जिले में फसल काटने के उपरांत अवशेषों को जलाना प्रतिबंधित
भिण्ड, 24 नवम्बर। पर्यावरण विभाग मंत्रालय भोपाल के निर्देश पर प्रदत्त अधिकारों के तहत नोटीफिकेशन के आधार पर जिले में कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने धारा 144 में पराली जलाने पर पूर्णत प्रतिबंध लगा दिया है। जिले में धान के अवशेषों को खेतों में ही अंधाधुंध तरीके से जलाए जाने को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित करते हुए निर्देशित किया गया है कि जो भी व्यक्ति या संस्था यदि ऐसा करते हुए पाए जाते हैं उसे नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार दो एकड या उससे कम भूमि धारक दो हजार रुपए प्रति घटना, दो एकड से पांच एकड भूमि धारक पांच हजार रुपए प्रति घटना, पांच एकड से अधिक भूमि धारक 15 हजार रुपए प्रति घटना पर्यावरण मुआवजा अदा करना होगा।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने मप्र शासन पर्यावरण विभाग द्वारा जारी अधिसूचना तथा जिले में गेंहू फसल की कटाई उपरांत उनके अवशेष को जलाने से होने वाले प्रदूषण एवं आगजनी की घटनाओं से आमजन के स्वास्थ एवं उनकी जान माल की सुरक्षा तथा भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट न हो, उक्त सभी को दृष्टिगत रखते हुए जनहित में दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत आदेशित किया है कि जिले में फसलों विशेषकर धान की फसल काटने के उपरांत उनके अवशेष कोई भी कृषक अपने खेत पर नहीं जला सकेंगे, अर्थात फसल काटने के उपरांत उनके अवशेषों को जलाना पूर्णत: प्रतिबंधित किया जाता है। हार्वेस्टर मशीन संचालकों को यह अनिवार्य होगा कि वे हार्वेस्टर मशीन के साथ-साथ भूसा/ पुआल पूरा बनाने की मशीन (स्ट्रा-रीपर, स्ट्रा बेलर) लगाकर फसल कटाई के बाद अवशेष से स्थल पर ही भूसा बनाकर, अवशेष का निपटान करेंगे। हार्वेस्टर मशीन एवं स्ट्रा-रीपर (भूसा/ पुआल पूरा बनाने के संयत्र) के दौरान निकलने वाली चिंगारी से आगजनी की घटना रोकने हेतु मशीन संचालक, अग्नि सुरक्षा संयंत्र के साथ-साथ आग बुझाने के लिए रेत एवं पानी की व्यवस्था भी सुनिश्चित करें। यह भी देखने में आया है कि खेतों के आस-पास लगे ट्रांसफार्मर से कभी-कभी चिंगारी/ शार्ट सर्किट से भी आगजनी की घटना हो जाती है। इसलिए अधीक्षण यंत्री मप्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी यह सुनिश्चित करेंगे कि खेतों के आस-पास लगे ट्रांसफार्मर की निरंतर मॉनीटरिंग करें। आदेश में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति या संस्था जिले के अंतर्गत फसलों विशेषत: धान की फसल कटाई उपरांत फसल अवशेषों को जलाता है तो वह ग्रीन हाउस ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार आदेश के पद-2 में वर्णित अनुसार पर्यावरण मुआवजा अदा करने के साथ-साथ इस आदेश के उल्लंघन भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के तहत दण्डनीय होगा।