डिप्टी कलेक्टर ने लहार में छात्रावास एवं अनुदान प्राप्त शा. विद्यालयों का किया निरीक्षण

भिण्ड, 17 अक्टूबर। डिप्टी कलेक्टर विजय यादव मंगलवार को लहार पहुंचकर अनुदान प्राप्त भीमराव अंबेडकर माध्यमिक विद्यालय जनकपुर का निरीक्षण किया। जहां दर्ज 165 बच्चों में से 40 बच्चे ही उपस्थित मिले। इसके अलावा कक्षा में प्रकाश एवं बच्चों की बैठने की व्यवस्था भी ठीक नहीं थी। जिसे देखकर डिप्टी कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त की एवं निर्देश दिए कि लाइट एवं टूटे हुए गेट को तत्काल सही कराएं। शिक्षिका रामकांति बिना सूचना के अनुपस्थित पाई गईं, जिनका पांच दिवस का वेतन काटने की कार्रवाई के लिए निर्देशित किया।
इसके बाद डिप्टी कलेक्टर विजय यादव संत रविदास माध्यमिक विद्यालय पहुंचे, जहां 134 विद्यार्थियों में से 59 बच्चे ही उपस्थित मिले। यहां भी कक्षा में लाइट एवं बच्चों के बैठने की व्यवस्था सही नहीं थी। कक्षा छठवीं एवं सातवीं के बच्चे ठीक ढंग से हिन्दी नहीं पढ पाए, जिस पर उन्होंने शिक्षकों को ब्लैक बोर्ड का ज्यादा इस्तेमाल करने के निर्देश दिए। शिक्षक रामअवतार बुनकर बिना सूचना के अनुपस्थित पाए गए, जिनका पांच दिवस का वेतन राजसात करने के लिए निर्देशित किया। यहां डिप्टी कलेक्टर एवं मण्डल संयोजक आशुतोष शुक्ला ने बच्चों के साथ बैठकर मध्यान भोजन किया, भोजन की गुणवत्ता सही पाई गई।

इसके बाद वे अशोक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लहार पहुंचे जहां स्कूल संचालित मिला, परंतु बच्चों की बैठने की व्यवस्था, बायोलॉजी लैब एवं शौचालय व्यवस्था को देखकर डिप्टी कलेक्टर यादव ने नाराजगी व्यक्त की एवं उसे जल्द से जल्द बेहतर करने के निर्देश दिए। साथ ही कक्षों में पंखे नहीं थे, जिसे तत्काल लगाने के निर्देश दिए। यहां कक्षा 11वीं में एग्रीकल्चर एवं कक्षा 12वीं में जीव विज्ञान के कुछ चैप्टर को बच्चों को पढाया, बच्चों का शैक्षणिक स्तर बेहतर था। तत्पश्चात डिप्टी कलेक्टर यादव शा. सीनियर उत्कृष्ट छात्रावास पहुंचे, जहां अधीक्षक द्वारा भेजी गई 50 बच्चों की उपस्थिति के विरुद्ध मात्र 10 बच्चे उपस्थित मिले एवं बच्चों से जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि उन्हें भोजन मीनू अनुसार नहीं मिलता है, बाथरूम की व्यवस्था खराब मिली, बच्चे बाहर स्नान करने को मजबूर दिखे। बच्चों को भोजन मीनू अनुसार नहीं दिया जा रहा है एवं हॉस्टल अधीक्षक विद्यासागर पिप्पल भी हॉस्टल में नहीं मिले। बच्चों ने बताया कि वह महीने में 10 से 15 दिन ही हॉस्टल में रुकते हैं। अनियमितताओं के संदर्भ में डिप्टी कलेक्टर यादव ने हॉस्टल अधीक्षक के विरुद्ध कार्रवाई की बात कही।