स्थानांतरण के चार माह के बाद भी कार्यवाहक प्रधान आरक्षक को नहीं किया रिलीव

एसपी ने तत्काल प्रभाव से अस्थाई रूप से पदस्थ किए जाने का निकाला था आदेश

भिण्ड, 24 अगस्त। शासन-प्रशासन के आदेशों की अव्हेलना आए दिन सामने आती रहती है, कहीं राजनैतिक रसूख तो कहीं अधिकारियों की मेहरबानी से कनिष्ठ कर्मचारी विभागीय आदेशों को हवा में उडा देते हैं।
ऐसा ही एक मामला भिण्ड पुलिस विभाग का सामने आया है, जहां थाने में विराजमान एक कार्यवाहक प्रधान आरक्षक को चार माह पूर्व स्थानांतरण के बाद भी आज दिनांक तक रिलीव नहीं किया गया। दरअसल 12 अप्रैल 2023 को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह चौहान ने सउनि/ कासउनि और कार्यवाहक प्रधान आरक्षकों को प्रशासनिक दृष्टि से तत्काल प्रभाव से अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक विभिन्न थानों के लिए स्थानांत्रित किया था, जिसमें देहात कोतवाली में पदस्थ कार्यवाहक प्रधान आरक्षक सुमित सिंह तोमर को भी थाना देहात से थाना गोहद के लिए स्थानांतरण किया गया था।

सूत्रों की मानें तो पुलिस अधीक्षक के दो बार रिमाइंडर कराने के बावजूद भी उक्त कार्यवाहक प्रधान आरक्षक द्वारा आज तक गोहद थाने में चार्ज नहीं लिया गया। आखिर क्या वजह है जो उक्त प्रधान आरक्षक देहात थाना नहीं छोडना चाहता, जब इसकी जानकारी जुटाई गई तो हमारे विशिष्ट सूत्रों ने बताया कि देहात थाना क्षेत्र में उक्त कार्यवाहक प्रधान आरक्षक के संरक्षण में पिंटू के नाके के पास भारौली रोड पर रेत की गाडियों एक हजार से दो हजार रुपए, रॉयल्टी पर 500 रुपए और डबल चक्कर पर एक हजार रुपए प्रति गाडी के हिसाब अवैध वसूली का खेल चल रहा है। इतना ही नहीं गिट्टी के वाहनों से भी 2500 से तीन हजार रुपए प्रति माह के हिसाब से वसूली की जिम्मेदारी उक्त आरक्षक के ही हाथों में है और यही कारण है कि मोटी कमाई का लालच थाना नहीं छोडने दे रहा है। अब देखना होगा कि क्या वर्तमान पुलिस अधीक्षक इस पर कोई संज्ञान लेते हैं या ऐसे ही चलता रहेगा? कार्य की व्यस्तता के चलते पुलिस अधीक्षक का कॉल रिसीव नहीं हो सका।