हैसियत से बडे बयान न दें डॉ. गोविन्द सिंह : रसाल सिंह

भिण्ड, 14 अगस्त। मप्र में विधानसभा चुनाव की रणभेदी अभी बजी नहीं है, लेकिन सियासी दांव-पेंच अभी से शुरू हो गए हैं, ग्वालियर-चंबल अंचल की लहार विधानसभा सीट को जीतने के लिए भाजपा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुवाई में चुनावी शंखनाद किया, तो इस सीट से बीते 33 साल से एकछत्र राज कर रहे कांग्रेस के कद्दावर नेता डॉ. गोविन्द सिंह को ऐतराज होना स्वाभाविक है, अलबत्ता डॉ. गोविन्द सिंह ने केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को खुली चुनौती देते हुए लहार से चुनाव लडने की बात कही है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह की केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को दी गई इस चुनौती पर पूर्व विधायक रसाल सिंह ने पलट बयान जारी किया है।
उन्होंने नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह को आडे हाथों लेते हुए कहा कि डॉ. गोविन्द सिंह पहले अपनी हैसियत देखें, उसके बाद फिर सिंधिया पर कीचड उछालने की हिमाकत करें। उन्होंने कहा कि कल तक सिंधिया के दरबार में विधायकी का टिकिट पाने के लिए ढोक लगाने वाले कांग्रेस नेता डॉ. गोविन्द सिंह अपनी हैसियत से बढक़र बयानबाजी कर रहे हैं।
पूर्व विधायक रसाल सिंह ने कहा कि दरअसल डॉ. गोविन्द सिंह को पूर्व मुख्यमंत्री और मप्र कांग्रेस कमेंटी के अध्यक्ष कमलनाथ की कृपा से नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी मिली है, तभी से वह सुर्खियों में बने रहने के लिए कुछ भी बयानबाजी करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि इस बात को डॉ. गोविन्द सिंह भी जानते हैं कि इस बार उनके लिए लहार की सीट पर जीत पाना नामुमकिन है। इसी बौखलाहट में वह केन्द्रीय मंत्री सिंधिया पर अर्नगल कीचड उछाल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जो नेता खुद चुनाव के दौरान जनता के साथ छल-कपट कर ऐन-कैन-प्रकारेण चुनावी लडाई जीतने के लिए शाम-दाम-दण्ड-भेद की रणनीति अपनाता रहा हो, उसे दूसरों के चरित्र पर लांछन लगाने का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा कि डॉ. गोविन्द सिंह याद करें साल 2018 का विधानसभा चुनाव, जब मतदाताओं के आक्रोष का सामना करते हुए झोली फैलाकर भीख मांगी थी कि ये चुनाव जीवन का आखिरी चुनाव है, इस चुनाव में जीत दिला दें। इसके बाद चुनाव नहीं लडूंगा। लेकिन जैसे ही चुनावी बेला नजदीक आती दिखाई दी डॉ. गोविन्द सिंह ने अपना पुराना रंग दिखाना शुरू कर दिया है।