ग्वालियर। पौराणिक मान्यता के अनुसार गुरू पूर्णिमा को महाभारत के रचयिता वेद व्यास का जन्म दिवस माना जाता है। उनके सम्मान में इस दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। शास्त्रों में यह भी कहा जाता है कि गुरू पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वेदव्यास ने चारों वेद की रचना की थी और इसी कारण से उनका नाम वेद व्यास पडा। सैकडों साल पहले कबीरदास जी ने भी गुरू की महिमा को अपनी चौपाइयों में विस्तृत व्याख्यान किया है।
सेवार्थ पाठशाला जो कि झुग्गी झोपडी में रहने वाले बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा के साथ-साथ सनातनी शिक्षा से अवगत करवाता रहता है, शिक्षक साथी भारत के ज्ञान एवं त्योहारों के महत्व को बखान करके चित्रों एवं क्विज प्रतियोगिता के द्वारा बच्चों को हमारे भारत के पारंपरिक त्योहारों एवं तौर-तरीकों से अवगत करवाते रहते हैं। सोमवार को सेवार्थ पाठशाला की सभी शाखाओं में विशेषकर विवेकानंद नीडम के पास वाली पाठशाला में बच्चों ने अपने शिक्षकों को पुष्प देकर आशीर्वाद प्राप्त किया।
पाठशाला के अध्यक्ष ओपी दीक्षित ने बच्चों को गुरू की महिमा विषय पर अपने उदबोधन से शिक्षा और गुरू के महत्व को विस्तृत रूप से समझाया। इस अवसर पर भूतपूर्व सूबेदार मेजर मनोज पाण्डे, श्रीमती भावना प्रजापति, पिंकी मिश्रा, पूजा परिहार, नीलम लखेरे एवं लगभग 100 बच्चों की उपस्थिति में कार्यक्रम संपन्न हुआ। अंत में राष्ट्रगान भी किया गया।