शिवराज सरकार की छवि को पलीता लगा रहा बिजली विभाग

24 घण्टे से उप जेल मेहगांव में अंधकार, जनता में आक्रोश

भिण्ड, 25 जून। मेहगांव कस्बे में बिजली विभाग के अधिकारियों का नाकारापन व हिटलरशाही दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। जैसे-जैसे जनता बिजली कटौती को लेकर लोग परेशान होकर शिकायत करने बिजली विभाग के कार्यालय पर आ रही हैं, वैसे-वैसे ही विभाग बिजली कटौती में बढ़ौतरी करता जा रहा है। समूचे कस्बे में बिजली कटौती को लेकर कोहराम मचा हुआ है। वहीं बिजली विभाग के अधिकारी-कर्मचारी ढूंढे नहीं मिल रहे, फोन पर भी बात करना बहुत मुश्किल काम है।
मेहगांव उप जेल परिसर में 24 घण्टे से बिजली का गुल होना किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार करना दर्शाता है। जेल में लगभग 120 बंदियों का जीवन खतरे में है। भीषण गर्मी के चलते खुले बातावरण में रहने वालों का बुरा हाल है, वहीं जेल में बंद बंदियों को कितनी बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा होगा, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। बिजली के गुल होने पर जेल में बंदियों को पानी की बूंद-बूंद के लिए तरसना पड़ता है, बिजली के अभाव में पंप की मोटर का न चलना पानी की बिकराल समस्या पैदा कर देता है, जेल में पानी की कोई अन्य व्यवस्था का न होने से हर पल बंदियों को मुश्किल का सामना करने पर मजबूर करता है।

प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान जनता की हर सुख सुविधा के लिए दिन रात एक करते हुए काम कर रहे हैं। वहीं बिजली की कोई कमी नहीं बताई जा रही है। मुख्यमंत्री का साफ कहना है कि अधिकारी-कर्मचारी जनसेवा में अपने कर्तव्यों का पालन तत्परता के साथ करें। इतना सब होने के बाद भी मेहगांव बिजली विभाग के अधिकारी-कर्मचारी अपनी हटधर्मी से वाज नहीं आ रहे हैं। जोकि यह स्पष्ट दर्शाता है कि मुख्यमंत्री झूठे आश्वासन दे रहे हैं, इसलिए बिजली विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मनमानी पर उतारू हो कर काम रहे हैं या फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बिजली विभाग के अधिकारी-कर्मचारी जान-बूझकर उनकी लोकप्रियता को पलीता लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। भाजपा के नेता मंत्री, विधायक जनता को दिन-रात प्रताडि़त देखते हुए आगामी विधानसभा चुनाव में 200 पार का नारा देने वाला सपना कैसे साकार कर पाएंगे। बिजली विभाग की अकर्मण्यता और हिटलरशाही से जनता की परेशानी आए दिन बढ़ती जा रही है, शिकायत करने वाले के साथ अधिकारी अभद्रतापूर्ण व्यवहार करने से कोई परहेज नहीं रखते। आखिर माजरा क्या है जनता की समझ से परे है।