राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से शिक्षा के केन्द्र में होगा भारत : देवकीनंदन

विद्या भारती के तत्वावधान में हो रहा है नवीन आचार्य विकास वर्ग का आयोजन

नर्मदापुरम, 10 जून। विद्या भारती मध्य भारत प्रांत द्वारा आयोजित नवीन आचार्य विकास वर्ग गोविन्द नगर में आचार्य दीदियों को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय प्रशिक्षण प्रमुख देवकीनंदन चौरसिया ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शिक्षा जगत में एक बड़े बदलाव को लेकर आई है, 34 वर्ष बाद 29 जुलाई 2020 को भारतीय संसद में एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसके पहले की शिक्षा नीति यूरोप केन्द्रित थी और यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत केन्द्रित है। अब शिक्षा के केन्द्र में भारत होगा। यानि भारत की शिक्षा में भारत चाहिए। यह शिक्षा नीति राष्ट्र पर आधारित है। भारत की पहचान यहां की संस्कृति, नैतिकता के भाव का विकास शिक्षा का मूल उद्देश्य है।
उन्होंने कहा कि अच्छे मानव का निर्माण करना, ईमानदारी, परोपकार, संस्कार आदि गुण भारतीय मानव में होने चाहिए। अपने सुख के लिए काम करना यह पश्चिम की सोच है और अपनों के लिए अपने समाज के लिए कार्य करना यह भारतीय संस्कृति है।

डॉ. सीएम राव ने कहा कि भारत में शिक्षा है, परंतु शिक्षा में भारत नहीं है। भारत में परीक्षा पद्धति है, परंतु शिक्षा पद्धति नहीं है। एनईपी-2020 में बालक का सर्वांगीण विकास हो इस पर ज्यादा ध्यान दिया गया है। सन 1986 की शिक्षा नीति में 10+2 की पद्धति प्रचलित थी वर्तमान शिक्षा नीति में 5+3+3+4 पद्धति को अपनाया गया है। पहले छह वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों को प्रवेश नहीं मिलता था अब तीन वर्ष से छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं सामाजिक सरोकार, समग्र मूल्यांकन, शिक्षण शास्त्र, बुनियादी साक्षरता, प्रयोग आधारित शिक्षा, आनंददायक शिक्षा, प्रोजेक्ट वर्क, रटना नहीं सीखना सिखाना, रचनात्मक आंकलन, नया सीखने की आदत डालना, सामाजिक शिक्षा आदि विषयों पर जोर दिया गया है। वर्ग में हस्तलिखित पत्रिका अनुभूति और प्रेरणा का विमोचन किया गया। शारीरिक में व्यायाम योग, समता, आसन, सूर्य नमस्कार, मण्डल के खेल आदि गतिविधियां की जा रही हैं।

इस अवसर पर सेवा क्षेत्र की शिक्षा क्षेत्र प्रमुख प्रमुख पुरुषोत्तम जोशी, मुकेश कुमार शुक्ला, राजेन्द्र सिंह ठाकुर, महेन्द्र सिंह चौहान, नर्मदा प्रसाद मालवीय, हेमंत दीक्षित, चन्द्रशेखर टैगोर, ममता यादव, आरती परदेशी दीदी, चरण सेवक प्रजापति, योगेश पटैल, हेमंत पटेल, राजेश सराठे, वर्ग संचालन टोली एवं बड़ी संख्या में आचार्य दीदी उपस्थित रहे।