श्रीमद् भागवत कथा मोक्षदायिनी : वासुदेव शास्त्री

ग्राम खेरा में खार वाले बाबा मन्दिर पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा

भिण्ड, 14 मई। गोरमी क्षेत्र के ग्राम खेरा स्थित खार वाले बाबा मन्दिर पर चल रही संगीतमयी श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन पं. वासुदेव शास्त्री लालपुरा वाले ने मनु सतरूपा द्वारा सृष्टि की रचना एवं उनके द्वारा नौ कन्याओं का जन्म का विस्तार से वर्णन किया। वहीं कपिल भगवान के जन्म का बखान किया।

शास्त्री ने सती भगवान शिव के चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि जो मनुष्य भगवान की कथा उनके स्वरूप के वर्णन को मन लगाकर नहीं सुनता उनका हाल सती के जैसा होता है। एक बार भगवान शिव माता सती के साथ कुंभज ऋषि के आश्रम में पहुंचे थे, उन्होंने प्रभु श्रीराम की कथा का वर्णन किया, जो माता सती ने मन व भाव से न सुनकर तर्क वितर्क किया, तो सती का कुछ ही समय में अंत हो गया। जो मनुष्य भगवान की कथा में बैठकर वार्तालाप करते हैं, भाव से कथा नहीं सुनते, उनको भगवान दण्डित करते हैं। श्रीमद् भागवत कथा मोक्षदायिनी है, जो मनुष्य सात दिनों तक मन लगाकर कथा का श्रवण करता है, वह भवसागर से मुक्त हो जाता है। भागवत कथा में सैकड़ों महिला एवं पुरुष उपस्थित रहे एवं ग्राम वासियों ने अतिथियों का स्वागत कर धर्म लाभ लिया।