मृदा परीक्षण प्रयोगशाला गोहद का भवन बना सरकारी क्वार्टर

भिण्ड, 17 मार्च। मप्र सरकार द्वारा द्वारा किसानों को उन्नतशील खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है। वहीं दूसरी ओर मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला अस्तित्व में आने के छह साल बाद भी बंद हैं। इसका निर्माण 36 लाख रुपए की लागत से कराया गया था। इसके बाद इसमें करीब 25 लाख रुपए की मशीनों से सुसज्जित किया गया। लेकिन संचालन के लिए अधिकारी-कर्मचारियों की तैनाती नहीं की गई है। इस कारण मशीनों की सुरक्षा की दृष्टि से इस भवन में एक परिवार निवास करता है, प्रयोगशाला में परिवार के निवास करने से वह सरकारी क्वार्टर की तरह प्रतीत होता है। ऐसे में क्षेत्र के किसानों को खेतों की मिट्टी का परीक्षण कराने के लिए जिला या संभागीय मुख्यालय पर जाना पड़ता है।
ज्ञात हो कि वर्ष 2016 में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला भवन बनाया गया था। इसके बाद इसमें मशीनों को भी स्थापित करा दिया गया। लेकिन मिट्टी के नमूनों की जांच के लिए अधिकारी-कर्मचारियों की तैनाती नहीं की गई। ऐसे में किसानों को मिट्टी के नमूनों को लेकर ग्वालियर अथवा भिण्ड जाना पड़ रहा है। इसमें किसानों का समय व धन दोनों खर्च हो रहे हैं और आने-जाने की परेशानी झेलना पड़ रही है। किसानों द्वारा कई बार मिट्टी परीक्षण केन्द्र पर कर्मचारियों को तैनात किए जाने की मांग की गई है, लेकिन कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।