भिण्ड, 17 मार्च। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) गोहद, जिला भिण्ड श्रीमती आयुषी गुप्ता की अदालत ने एण्डोरी थाने के प्रकरण क्र.624/2015 आरसीटी में न्यायालय में झूठी गवाही देने वाले अभियुक्तगण महेन्द्र सिंह पुत्र महाराज सिंह उम्र 32 वर्ष, जितेन्द्र सिंह पुत्र रोशन सिंह उम्र 35 वर्ष, प्रेमसिंह पुत्र महाराज सिंह उम्र 48 वर्ष निवासीगण ग्राम बरौना, थाना एण्डोरी को धारा 193 भादंवि में छह-छह माह के सश्रम कारावास तथा 500-500 रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में अभियोजन का संचालन सहायक जिला लोक अभियेाजन अधिकारी श्रीमती प्रीती यादव ने किया।
सहायक मीडिया सेल प्रभारी गोहद शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि फरियादी महेन्द्र व आरोपी देशराज के मध्य जमीनी विवाद चल रहा था, उसी रंजिश पर से 10 जून 2012 को सुबह करीब नौ बजे देशराज फर्सा, डम्पी कुल्हाड़ी, रविन्द्र लाठी, सतेन्द्र सिंह, नाहर सिंह माउजर कट्टा, अशोक सिंह, लल्लू सिंह एवं तीन चार अन्य लोग बेसवाल बेंत, लाठी लेकर एक राय होकर आए, जिसमें से नाहर सिंह व सतेन्द्र ने कट्टा से फायर किए तथा आरोपी देशराज ने सुरेन्द्र को जान से मारने की नियत से फर्सा मारा, जो सिर में बांई तरफ लगा, जिससे घाव होकर खून निकल आया। डम्पी ने कुल्हाड़ी आहत सुरेन्द्र सिंह को जाने से मारने की नियत से सिर में मारी, उसने बचाव में बायां हाथ ऊपर किया, जिससे उसे हाथ की उंगली कट गई, सभी आरोपियों ने एकराय होकर लाठी, फर्सा, कुल्हाड़ी से मारपीट की थी, जिससे आहत को शरीर में चोटें आईं। देवेन्द्रसिंह, परिमाल सिंह, रामबरन ने आकर बीच बचाव कराया। आरोपीगण सतेन्द्र, नाहर सिंह कट्टों से फायर करते हुए भाग गए। उक्त सत्र प्रकरण में विचारण के दौरान साक्षी राधचरन, सुरेन्द्र, जितेन्द्र, नरेन्द्र, प्रदीप, प्रेमसिंह, महेन्द्र के संबंध में इस आशय की साक्ष्य आई है कि उक्त साक्षीगण शपथ पर न्यायालय में साक्ष्य देते हुए या तो मुख्य परीक्षण में असत्य बोल रहे हैं या प्रतिपरीक्षण में बचाव पक्ष के सुझाव को स्वीकार कर उन्होंने असत्य कथन किए हैं, जिस पर से उक्त प्रकरण में घोषित निर्णय 12 अगस्त 2015 में साक्षीगण (इस प्रकरण में अभियुक्तगण) के विरुद्ध द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश गोहद द्वारा यह निष्कर्षित किया गया है कि न्याय प्रशासन पर प्रभाव डालने वाला अपराध साक्षीगण द्वारा किया गया है, जिसके कारण उनके विरुद्ध उचित व अग्रिम कार्रवाई करने हेतु यह परिवाद पत्र न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी को भेजा गया। जिस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी द्वारा संज्ञान लेकर विचारण किया गया। जिसके पश्चात आरोपीगण महेन्द्र सिंह पुत्र महाराज सिंह, जितेन्द्र सिंह पुत्र रोशन सिंह, प्रेमसिंह पुत्र महाराज सिंह को दण्डित किया गया है।