गुरु मनुष्य को परमात्मा से जोडऩे वाला होता है : पं. व्यास

दंदरौआ धाम में सियपिय मिलन समारोह के दौरान श्रीमद् भागवत कथा में हो रहे हैं प्रवचन

भिण्ड, 28 नवम्बर। गुरु के बिना परमात्मा से संबंध बनाना असंभव है, क्योंकि गुरु मनुष्य नहीं होता गुरु एक ऐसा तत्व होता है, जो मनुष्य को परमात्मा से संबंध जोडऩे वाला होता है। गुरु कमजोर हो सकता है लेकिन गुरु पद कमजोर नहीं होता विद्वानों का मानना है कि अगर परमात्मा रूठ जाए तो आप गुरु की शरण में चले जाओ परमात्मा को मनाने का रास्ता गुरु के माध्यम से जुड़ता है। यह उद्गार दंदरौआ धाम में गुरु महाराज 1008 पुरुषोत्तमदास की पुण्य स्मृति में आयोजित हो रहे 25वे वार्षिक महोत्सव के अवसर पर श्रीमद् भागवत कथा के वाचक पं. रमाकांत व्यास ने प्रवचन करते हुए व्यक्त किए।


उन्होंने कहा कि हम उसे संत नहीं मानते जो अपने लिए भजन पूजन और भौतिक सुख-सुविधा करता है। संत तो वह है जो जनकल्याण और राष्ट्रहित की भावनाएं से कार्य करता है। संत कभी अपने लिए नहीं जीते है संत तो राष्ट्र कल्याण और समाज कल्याण के लिए जीते हैं। कार्यक्रम में यज्ञाचार्य पं. रामस्वरूप शास्त्री अपने-अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं। मुख्य यजमान एवं कथा पारीक्षत भगवत दयाल भारद्वाज तथा कार्यक्रम की व्यवस्था वृंदावन धाम के महंत श्रीश्री 1008 राधिकादास महाराज देख रहे हैं। कथा मंच संचालन कुंज बिहारी मिश्रा द्वारा किया जा रहा है। इस मौके पर रामबरन पुजारी, अशोक भारद्वाज, महेश मुदगल, नारायण भारद्वाज, केमरामैन अनिल राजपूत, नरसी दद्दा, शिवशंकर कटारे, पूर्व सांसद अनूप मिश्रा, आरके त्रिपाठी, विष्णु त्रिपाठी, पं. भोलाराम शास्त्री प्राचार्य, अम्बरीश आचार्य की विशेष उपस्थिति रही।